Ayodhya Ram Mandir Donation: राम मंदिर के लिए दान देने का आज आखिरी दिन, निधि समर्पण अभियान का समापन
Ayodhya Ram Mandir Donation अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से चल रहे 44 दिवसीय निधि समर्पण अभियान का शनिवार को समापन हो जाएगा।
रांची, [संजय कुमार]। Ayodhya Ram Mandir Donation,Ram Mandir Ayodhya अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर से चल रहे 44 दिवसीय निधि समर्पण अभियान का शनिवार को समापन हो जाएगा। इसके बाद घर- घर जाकर 10, 100 और 1000 रुपये का कूपन और रसीद काटने का काम बंद कर दिया जाएगा। विहिप ने लोगों से अपील की है कि मंदिर निर्माण में जिनका सहयोग अब तक नहीं हो पाया है वे निधि समर्पण अभियान में लगे अपने इलाके के कार्यकर्ताओं से संपर्क करें। नहीं तो विहिप कार्यालय, अभियान कार्यालय या आरएसएस कार्यालय में जाकर निधि समर्पण कर कूपन प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यकर्ताओं का प्रयास है कि कोई भी घर छूटे नहीं। 15 जनवरी से पूरे देश में प्रारंभ इस अभियान के तहत देश के चार लाख गांवों के 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचने की योजना है। किसी कारण से अभियान में लगे कार्यकर्ताओं से संपर्क नहीं हो पाए तो एसबीआइ, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में आनलाइन राशि भेजकर आनलाइन रसीद प्राप्त कर सकते हैं। इसकी जानकारी ट्रस्ट के साइट पर मिल जाएगी। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि यदि किन्हीं के घर में काम कर रही दाई, गाड़ी चालक, माली आदि छूट गए हों तो जरूर उनका समर्पण कराएं।
अभियान के बाद ट्रस्ट के साइट पर मिलेगी विस्तृत जानकारी
विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि निधि संग्रह अभियान की समाप्ति के बाद ट्रस्ट के माध्यम से मंदिर निर्माण में सहयोग का काम जारी रहेगा। जो व्यक्ति मंदिर निर्माण में सहयोग करना चाहते हैं वे पहले से अयोध्या में स्थित ट्रस्ट के खाते में राशि जमा.करा सकेंगे। इसकी विस्तृत जानकारी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साइट पर मिलेगी।
भगवान अगले जन्म में मुझे आंख देना, ताकि रामजी का भव्य मंदिर देख सकूं.....
विनोद बंसल ने कहा कि निधि समर्पण अभियान को लेकर सभी वर्ग के लोगों में अगाध श्रद्धा और उत्साह है। बांदा निवासी दिव्यांग राजेश जैसे लोगों की श्रद्धा देखते ही बनती है। राजेश लोगों से मांग कर अपना भरण-पोषण करते हैं। फिर भी राम मंदिर के नाम पर राजेश ने अपने पास से 100 रुपये निकालकर दिए और कहा, मेरी आंखें नहीं है। मैं मंदिर नहीं देख सकता, लेकिन एक ईंट की कीमत चुका सकता हूं। मैं प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करता हूं कि मुझे अगले जन्म में आंखें देना, ताकि मैं रामजी का भव्य मंदिर देख सकूं।