BE READY: जाना है यूपी-बिहार-बंगाल तो हो जाएं तैयार, बस कुछ घंटों में रवाना होंगी पड़ोसी राज्यों के लिए बसें
Jharkhand News Bihar And Bengal Passengers आज से झारखंड में अंतरराज्यीय बसों का परिचालन होगा। शाम से बस स्टैंड से बसें खुलेंगी। हालांकि यात्रियों की संख्या कम दिख रही है। संभावना है कि कम बसें ही स्टैंड से खुलेंगी।
रांची, जासं। रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड से पहले दिन बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ सहित अन्य राज्यों के लिए करीब 75 बसें खुलेंगी। अप्रैल माह से राज्य में बसों का परिचालन प्रभावित था। दूसरे राज्यों में जाने के लिए यात्री भी टिकट बुकिंग के लिए खादगढ़ा पहुंच रहे हैं। लेकिन इनकी संख्या काफी कम है। इस कारण कई बसें रविवार को नहीं खुल रही हैं। जो खुल भी रही हैं, उन बसों में यात्रियों की संख्या कम है। ज्यादातर बसों में 15-20 यात्रियों ने ही टिकट बुक कराया है।
पहला दिन होने की वजह से सवारियां कम निकलने से खादगढ़ा बस स्टैंड से तकरीबन 100 बसें नहीं दौड़ेंगी। बस संचालकों का मानना है कि धीरे-धीरे बस परिवहन पटरी पर आ जाएगा और सभी बसें सड़क पर दौड़ने लगेंगी। उल्लेखनीय है कि रांची से अन्य राज्यों के लिए विभिन्न स्टैंड से तकरीबन ढाई सौ से अधिक गाड़ियां खुलती हैं। कुछ दिन पहले अंतर जिला के लिए बसों का परिचालन शुरू हुआ था। सरकार ने अंतर जिला बस परिवहन को ही मंजूरी दी थी। अंतरराज्यीय बस परिवहन पर रोक लगी थी।
इसके बावजूद बिहार समेत अन्य प्रदेशों के लिए चोरी-छिपे बसें चलाई जा रही थीं। कुछ बसों पर कार्रवाई भी हुई थी। लेकिन प्रदेश सरकार ने रविवार से अंतरराज्यीय बसों के परिचालन को मंजूरी दे दी है। अंतरराज्यीय बसों का परिवहन शुरू होने से खादगढ़ा बस स्टैंड पर काफी रौनक दिखी। बस स्टैंड की सभी दुकानें खुली हुई थीं। बस संचालकों ने बसों को सैनिटाइज करने का इंतजाम कर रखा था। सभी बसों को सैनिटाइज करने के बाद ही सवारियों को बैठाया जा रहा था।
एक हफ्ते के अंदर सामान्य हो जाएगा परिचालन
बस संचालकों की मानें तो अगले एक हफ्ते के अंदर बसों का परिचालन पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा। कुछ बस संचालकों की ओर से दूसरे पड़ोसी राज्यों के नियमों का अध्ययन किया जा रहा है। इसके आधार पर ही वह अपने बसों के संचालन का निर्णय लेंगे। बस संचालकों की मानें तो उन्हें यह उम्मीद है कि धीरे-धीरे हालात सुधर जाएंगे। कोरोना की सबसे अधिक मार ट्रांसपोर्ट सेक्टर को ही झेलनी पड़ रही है।