झारखंड में आतंक के पर्याय 25 लाख के इनामी पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी की....
किसी ने कहा कि झारखंड के गुमला जिले के पास तो किसी ने कहा कि ओडिशा-झारखंड सीमा पर हुई है कुख्यात दिनेश गोप की गिरफ्तारी। उधर पुलिस मुख्यालय ने पूछने पर कहा कहा कि गलत है सूचना नहीं हुई है दिनेश गोप की गिरफ्तारी।
रांची (राज्य ब्यूरो) : उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) का सुप्रीमो और 25 लाख का इनामी दुर्दांत उग्रवादी दिनेश गोप की गिरफ्तारी की चर्चा शनिवार की शाम को तेज रही। हालांकि, पुलिस मुख्यालय ने गोप की गिरफ्तारी से इन्कार किया है। दिनेश गोप मूल रूप से खूंटी के कर्रा थाना क्षेत्र स्थित लापा मोरहाटोली का रहने वाला है। उसकी रांची सहित कई जिलों में संपत्ति है, जिसे झारखंड पुलिस व एनआइए की सक्रियता से जब्त किया जा चुका है। पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप की तलाश झारखंड पुलिस के साथ-साथ एनआइए भी कर रही है। उसपर ठेकेदारों-व्यवसायियों को धमकाकर लेवी-रंगदारी वसूलने तथा लेवी के रुपयों को अपने सहयोगियों के माध्यम से निवेश कराने सहित कई आरोप हैं।
एनआइए ने दिनेश गोप की दोनों पत्नियों को कोलकाता से किया था गिरफ्तार
टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गत वर्ष 30 जनवरी 2020 को पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप की दोनों पत्नियों को गिरफ्तार किया था। दिनेश गोप की दोनों पत्नियों में हीरा देवी और शकुंतला कुमारी शामिल हैं। दोनों के खिलाफ लेवी-रंगदारी के रुपयों को शेल कंपनियों में निवेश करने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है।
नोटबंदी के बाद एनआइए ने शुरू की है दिनेश गोप के खिलाफ जांच
केंद्र सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिए जाने के वक्त रांची के बेड़ो में 10 नवंबर 2016 को दिनेश गोप के 25 लाख 38 हजार रुपये जब्त किए गए थे। एनआइए इस मामले की जांच कर रही है। जांच के दौरान एनआइए ने पाया कि उक्त राशि ठेकेदारों-व्यवसायियों से लेवी-रंगदारी के माध्यम से वसूली गई थी। जांच के दौरान ही यह भी खुलासा हुआ कि दिनेश गोप अपने पारिवारिक सदस्यों के माध्यम से लेवी-रंगदारी के रुपयों को शेल कंपनियों में निवेश करता था। इसी क्रम में एनआइए ने दिनेश गोप के सहयोगियों के पास से 42.79 लाख व करीब 70 लाख रुपये की अन्य चल-अचल संपत्ति जब्त की थी। जांच में दो दर्जन से अधिक बैंकों में दिनेश गोप के पारिवारिक सदस्यों और दोनों पत्नियों के माध्यम से 2.5 करोड़ रुपये के निवेश की जानकारी भी मिल चुकी है। एनआइए इस मामले में पूर्व में 10 गिरफ्तार व एक फरार आरोपित के विरुद्ध चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है। मामले का अनुसंधान जारी है।