Eid Miladunnabi: जुलूस ए मोहमदी में उमड़े अकीदतमंद, उलेमा ने कहा- इस्लाम देता है विश्व को शांति का पैगाम
Eid Miladunnabi मेदिनीनगर शहर समेत पूरे पलामू जिले में शुक्रवार को अकीदत-मोहब्बत व उत्साह के साथ हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम की जयंती ईद मिलादुन्नबी मनाई जा रही है। मंगलवार की सुबह जुलूस-ए-मोहम्मदी में युवा बच्चे व बुजुर्ग शामिल हुए।
मेदिनीनगर, जासं। शहर समेत पूरे पलामू जिले में शुक्रवार को अकीदत-मोहब्बत व उत्साह के साथ हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम की जयंती ईद मिलादुन्नबी मनाई जा रही है। मंगलवार की सुबह जुलूस-ए-मोहम्मदी में युवा, बच्चे व बुजुर्ग शामिल हुए। जुलूस में अकीदमंद रसूल की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, रसूल-ए-खुदा की शान अल्लाह-अल्लाह जैसे नारे बुलंद करते हुए आगे बढ़ रहे थे। स्थानीय गौसिया मुहल्ला से सुबह 8 बजे जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। यह जुलूस मुस्लिमनगर पहुंचा। यहां शाने रसूल पर रौशनी डाली गई। जुलूस लाल कोठा, कन्नी राम चौक, शाह मुहल्ला होते हुए गौसिया मुहल्ला चौक पर पहुंचकर एखतेताम पजीर हुआ।
जुलूस का नेतृत्व समाजसेवी सह मुहर्रम इंतेजामिया कमेटी के जेनरल खलीफा जीशान खां, शमीम उर्फ ललन आदि ने किया। जुलूस के दरम्यान रास्ते में उलेमा-ए-कराम ने ईद मिलादुन्नबी के महत्व पर प्रकाश डाला। जुलूस कनीराम चौक व शाह मुहल्लाह पहुंचा तो थोड़ी देर के लिए रूका। यहां मौलाना महताब आलम जियाई, स्थानीय चौक बाजार मस्जिद के खतीब व इमाम, हाफिज अल्लामा मौलाना जुबैर अहमद ने कहा कि इस्लाम पूरे विश्व को नफरत दूर करने व अमन कायम करने का पैगाम देता है। इस्लाम किसी को तकलीफ नहीं देने का पैगाम देता है। जीशान खां ने कहा कि इस्लाम आपसी भाईचारगी का संदेश देता है।
इस्लाम देता है अमन का पैगाम : मौलाना जुबैर
स्थानीय गौसिया मुहल्ला में नूरी मस्जिद के निकट जुलूस-ए-मोहम्मदी कमेटी के तत्वावधान में जलसा ईद मिलाद्न्नबी का एहतेमाम किया गया। जलसा को स्थानीय चौक बाजार मस्जिद के खतीब व इमाम हाफिज अल्लामा मौलाना जुबैर अख्तर बरकाती ने खिताब किया। कहा कि इस्लाम धर्म के प्रवर्तक हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम ने दुनिया की सामाजिक,आर्थिक व राजनीतिक बुराईयों को दूर किया। अमन का पैगाम दिया। महिलाओं को हक व सम्मान दिलाया। शराब हराम करार हुआ। उन्होंने कहा कि मुसलमान दहशतगर्द नहीं हो सकता है। हजरत मोहम्मद सल्ललाहो अलैही वसल्लम ने इस्लाम मजहब के माध्यम से विश्व को शांति, भाईचारगी व वतन से मुहब्बत करने पैगाम दिया है।