विजयादशमी पर आज हो रही माता के अपराजिता रूप की पूजा, मां दुर्गा को प्रिय है अपराजिता के फूल
Dussehra 2020 झुमरीतिलैया बेलाटांड़ दुर्गा पूजा समिति के पुजारी दिवाकर भट्टाचार्य ने बताया कि यह फूल नीले और सफेद रंग का होता है। माता को यह फूल काफी प्रिय है। इसलिए आज के दिन इस फूल का विशेष रूप से अर्पण किया जाता है।
कोडरमा, जासं। आज असत्य पर सत्य की विजय यानी विजयदशमी का दिन है। इस दिन माता के अपराजिता रूप की पूजा होती है। शास्त्रों के अनुसार आज के दिन महिषासुर वध की खुशी में मां अपराजिता की पूजा की जाती है। अपराजिता अपराजेय होने के लिए मनाया जाता है। मान्यता यह भी है कि आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था, इसलिए इस दिन को विजयदशमी के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
रावण वध के पूर्व भगवान श्रीराम ने मां दुर्गा की आराधना की थी। इस अवसर पर मंदिरों में एवं पूजा पंडालों में माता को अपराजिता का फूल अर्पित किया जाता है। झुमरीतिलैया बेलाटांड़ दुर्गा पूजा समिति के पुजारी दिवाकर भट्टाचार्य ने बताया कि यह फूल नीले और सफेद रंग का होता है। माता को यह फूल काफी प्रिय है। इसलिए आज के दिन इस फूल का विशेष रूप से अर्पण किया जाता है।
साथ ही लोग इस अवसर पर अपराजिता के बेल का रिंग बनाकर बाहों में लगाते हैं। झारखंड में अपराजिता के फूल बहुतायत में पाए जाते हैं। पूजा में इस फूल का विशेष महत्व है। खासकर दुर्गा पूजा में यह फूल माता को अर्पित किए जाते हैं। माता के लिए जवा फूल की तरह ही अपराजिता का फूल प्रिय है। आज दशमी के दिन पूर्वाह्न 7:41 के बाद पंडालों में मां अपराजिता की पूजा होगी। इस दिन लोग शस्त्र पूजन भी करते हैं।