Jharkhand: रघुवर दास, अनुराग गुप्ता व अजय कुमार पर पीसी एक्ट लगाने के लिए कोर्ट में आवेदन
Horse Trading in Rajya Sabha Election Jharkhand Politics जगन्नाथपुर थाना के अनुसंधानकर्ता ने ड्रॉप बॉक्स में आवेदन डाला। अब इस पर बुधवार को सुनवाई होगी। हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में पीसी एक्ट जोड़ने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग का ही था।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्यसभा चुनाव 2016 में हाॅर्स ट्रेडिंग के मामले में दर्ज केस में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, विशेष शाखा के एडीजी अनुराग गुप्ता व रघुवर दास के सलाहकार रहे अजय कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जोड़ने के लिए अनुसंधानकर्ता ने कोर्ट में आवेदन दिया है। उक्त केस जगन्नाथपुर थाने में 29 मार्च 2018 को दर्ज हुआ था। इस केस में पीसी एक्ट जोड़ने के लिए अनुसंधानकर्ता सोमवार को भी अनुमति लेने कोर्ट गए थे, लेकिन दस्तावेज अधूरा होने के चलते उन्हें मंगलवार को पूरे कागजात के साथ आने के लिए कहा गया था।
मंगलवार को सभी कागजात के साथ अनुसंधानकर्ता कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कोर्ट के नियम के अनुसार ड्राप बॉक्स में अपने कागजात को डाला और चले गए। इस मामले में अदालत में बुधवार को सुनवाई होगी। अदालत की अनुमति के बाद ही जगन्नाथपुर थाने के उक्त केस में पीसी एक्ट जुड़ेगा। अदालत की अनुमति के बाद ही यह तय होगा कि केस का अनुसंधान जगन्नाथपुर थाने के अनुसंधानकर्ता करेंगे या भ्रष्टाचार निवारण मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) करेगा।
हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) जोड़ने का आदेश भारत निर्वाचन आयोग का ही था। भारत निर्वाचन आयोग ने सुनवाई के बाद 2017 में ही हाॅर्स ट्रेडिंग मामले में धारा 171बी व 171सी भारतीय दंड विधान के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम भी लगाने का आदेश दिया था। तब राज्य में रघुवर दास के नेतृत्व में एनडीए की सरकार थी। उस वक्त सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम लगाने की अनुमति नहीं दी थी। 29 मार्च 2018 को केवल तत्कालीन एडीजी अनुराग गुप्ता व मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार के खिलाफ जमानतीय धारा 171बी व 171सी में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद इस केस में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था। इसके बाद रांची पुलिस ने लीगल ओपिनियन लेने के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम लगाने के लिए सरकार से अनुमति ली। अब पीसी एक्ट लगाने की पहल शुरू की गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि पीसी एक्ट लगने के बाद तीनों ही आरोपितों की मुश्किलें बढ़ेंगी।