Jharkhand Horse Trading Case: जल्द निलंबन मुक्त होंगे अनुराग गुप्ता, झारखंड सरकार के स्तर पर चल रही समीक्षा
Jharkhand Horse Trading Case झारखंड कैडर के 1990 बैच के आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता शीघ्र ही निलंबन मुक्त हो सकते हैं। राज्यसभा चुनाव 2016 के दौरान कथित हार्स ट्रेडिंग मामले में उन पर बड़कागांव की तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को धमकी व प्रलोभन देने का आरोप है।
रांची, राब्यू। झारखंड कैडर के 1990 बैच के आइपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता शीघ्र ही निलंबन मुक्त हो सकते हैं। राज्यसभा चुनाव 2016 के दौरान कथित हार्स ट्रेडिंग मामले में उन पर बड़कागांव की तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकी व प्रलोभन देने का आरोप है। आरोप के अनुसार निर्मला देवी पर भाजपा के पक्ष में मतदान करने के लिए दबाव बनाया गया था। साथ ही पैसों का भी प्रलोभन दिया गया था। लंबे समय से इन आरोपों को लेकर झारखंड की राजनीति गर्म रही है।
इस पूरे मामले में अनुराग गुप्ता पर कोड कंडक्ट का उल्लंघन करते हुए भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगा था। हालांकि विभागीय जांच में अनुराग गुप्ता को क्लीन चिट मिल चुकी है। अब जल्द ही वह निलंबनमुक्त हो सकते हैं। अभी राज्य सरकार के स्तर से अनुराग गुप्ता पर लगे आरोपों की समीक्षा चल रही है। निलंबन मुक्त होने के बाद उन्हें डीजी रैंक में प्रोन्नति भी मिल जाएगी। अभी वरीयता सूची में 1990 बैच में सिर्फ अनिल पाल्टा व अनुराग गुप्ता ही हैं, जो डीजी रैंक में प्रोन्नति के योग्य हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवार दास भी हैं आरोपित
इस मामले में एडीजी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री के पूर्व सलाहकार अजय कुमार भी आरोपित हैं। हाल ही में भ्रष्टाचार की धाराएं जोड़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी मामले में अभियुक्त बनाया गया है। हालांकि अनुराग गुप्ता की निर्मला देवी और योगेंद्र साव से बातचीत की जिस सीडी को आरोप का आधार बनाया गया था, वह सीडी व अन्य सबूत जांच टीम को अबतक उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं। अवैध फोन टैङ्क्षपग के मामले में राज्य सरकार ने पुलिस मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी है।
तीन साल पहले दर्ज हुई थी प्राथमिकी
एडीजी अनुराग गुप्ता 14 फरवरी 2020 से निलंबित चल रहे हैं। उनके खिलाफ 29 मार्च 2018 को रांची के जगन्नाथपुर थाने में हार्स ट्रेडिंग के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस वर्ष उस केस में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम भी जोड़ा जा चुका है। इस केस में अनुराग गुप्ता पर जो भी आरोप लग रहे हैं, उससे संबंधित साक्ष्य अब तक पुलिस को नहीं मिले हैं, जिसका अनुराग गुप्ता को लाभ मिलेगा।