पास हुए सभी जांबाज, अब अपराधियों की आएगी शामत
सीआइएसएफ डॉग्स ट्रेनिग सेंटर में मंगलवार को 25 जांबाज पासआउट हो गए।
जासं, रांची : सीआइएसएफ डॉग्स ट्रेनिग सेंटर में मंगलवार को 25 जांबाज पासआउट हो गए। अब उनकी तैनाती रांची एयरपोर्ट, गुवाहाटी एयरपोर्ट, भिलाई प्लांट, बोकारो प्लांट सहित अन्य शहरों में होगी। यह मिनटों में विस्फोटक पदार्थों को खोज निकालने में माहिर होंगे। अपराधियों पर लगाम कसने के साथ-साथ कंपनियों में चोरी की वारदातों पर भी रोक लगाएंगे। 25 डॉग्स में से 21 को एक्सप्लोसिव डिटेक्शन और चार डॉग्स को ट्रैकर का प्रशिक्षण दिया गया।
छह महीने तक डॉग्स को ट्रैकर का और नौ महीने तक एक्सप्लोसिव डिटेक्शन का प्रशिक्षण दिया, जिन्हें हर बारिकीयों से रूबरू कराया गया। सेंटर पर एक साथ 80 डॉग्स को प्रशिक्षण देने की क्षमता है। सभी एक सादे समारोह में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीआइएसएफ के सीनियर कमाडेंट सुमंत सिंह, डॉग ट्रेनिग स्कूल, रांची के डिप्टी कमांडेंट डा. मनजीत कुमार शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। ट्रेनिग लेने वाले डॉग्स की खासियत
बेल्जियन मेलोनिस, ट्रैकर - बेल्जियन मेलोनिस हैंडलर के हर कमांड को सुनने को तैयार रहता है। वह आज्ञाकारी होता है और आई कॉन्टेक्ट बनाए रखता है। ट्रैकर के लिए सबसे फरफेक्ट माना जाता है। चोरी और घटना की वारदात में अपराधियों को खोजने में मदद करता है। जर्मन शेफर्ड, ट्रैकर : जर्मन शेफर्ड ट्रैकर की श्रेणी के लिए बेहतर डॉग माना जाता है। इसके सूंघने की क्षमता अधिक होती है। काफी दूरी तय कर अपराधी को पकड़ सकता है। बेल्जियन की तुलना यह ज्यादा एग्रेसिव नहीं रहता है। भीड़ के बीच जाकर और उन्हें बिना परेशान किए अपना काम कर सकता है। लेब्रोडोर , एक्सप्लोसिव डिटेक्शन, डॉग : लेब्रोडोर एक्सप्लोसिव डिटेक्शन डॉग्स की श्रेणी में लाए जाते हैं। बम विस्फोटक पदार्थ को सूंघकर खोज निकालने में काफी सक्रिय रहता है। यह सोशलाइज्ड डॉग होता है। भीड़ जाकर बिना किसी को परेशान किए अपना काम आसानी कर सकता है। कोकर स्पेनियल, एक्सप्लोसिव डिटेक्शन, डॉग : कोकर स्पेनियर ज्यादा ही सोशलाइज्ड डॉग होता है। इसका कद छोटा होता है। लेकिन, अन्य डॉग की तुलना मे ज्यादा ही समझदार होता है। गोल्डन रिट्रीवर एक्सप्लोसिव डिटेक्शन, डॉग : गोल्डर रिट्रीवर डाग स्नीफर के दायरे में रखा गया है। बम विस्फोटक पदार्थ को जमीन में दबाकर रखने के बाद भी उसे आसानी से ढूंढ लेता है। सोशलाइज्ड होने के कारण आम लोगों को बम खोजने के दौरान परेशान नहीं करता है।