कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों का हो बीमा, बिना स्पष्टीकरण मांगे वेतन नहीं हो स्थगित

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे महासचिव राममूर्ति ठाकुर व मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि कोविड संक्रमण से जंग लड़ने में झारखंड सरकार के प्रयासों में शिक्षक भी दिन रात अपनी सेवा दे रहे हैं।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 12:01 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 12:01 PM (IST)
कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों का हो बीमा, बिना स्पष्टीकरण मांगे वेतन नहीं हो स्थगित
कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों का हो बीमा, बिना स्पष्टीकरण मांगे वेतन नहीं हो स्थगित। जागरण

रांची, जासं । अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर व मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि कोविड संक्रमण से जंग लड़ने में झारखंड सरकार के प्रयासों में शिक्षक भी दिन रात अपनी सेवा दे रहे हैं। अस्पताल, वैक्सीनेशन, कोविड सेंटर, कंट्रोल रूम, दवा दुकान, आक्सीजन सेंटर और कोविड जांच केंद्रों पर अलग अलग शिफ्टों में शिक्षक बखूबी कार्य कर रहे हैं और इस दौरान कोविड केंद्रों पर प्रतिनियुक्त कई शिक्षक खुद भी संक्रमित हो रहे हैं।

कोविड ड्यूटी से संबंधित सुरक्षा किट के बिना ही शिक्षकों को सशंकित अनजान लोगों के संपर्क में आने को बाध्य किया जाता है। दिव्यांग शिक्षकों को भी अस्पतालों और कोविड केंद्रों पर प्रतिनियुक्त किया गया है। संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षकों की सुरक्षा, इलाज व पारिवारिक हित से जुड़े विषयों को दुरुस्त करने की मांग की है। कोविड ड्यूटी में प्रतिनियुक्त सभी शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित करने व 50-50 लाख के बीमा से आर्थिक व मानसिक सुरक्षा देने की मांग की। शिक्षकों के संक्रमित होने पर उन्हें एवं उनके परिवार के इलाज की बेहतर व्यवस्था सरकार के स्तर से की जाए।

दिव्यांग,  50 वर्ष से अधिक आयु वाले को तथा गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षको को कोविड ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। वैक्सीनेशन कर ही कार्य स्थल में लगाया जाए। एक ही  शिक्षकों को दो-तीन जगह प्रतिनियुक्त किया जा रहा है।  शिक्षक कहीं भी एक ही जगह कार्य करेंगे ना कार्य में नही जाने पर रांची उपायुक्त द्वारा उनका वेतन बंद किया जा रहा है। संघ का अनुरोध है कि आपदा  कोविड में शिक्षक जान जोखिम में रखकर संक्रमित लोगों की सेवा में लगे हैं। इसके बावजूद वेतन स्थगित करना उचित नहीं है। बिना स्पष्टीकरण वेतन स्थगित नहीं किया जाए अन्यथा कार्य ठप कर दिया जाएगा।

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