मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी की विधवा के लिए अली अनवर अंसारी ने मांगा इंसाफ, सीएम को लिखा पत्र

Tabrez Ansari Lynching Jharkhand Ranchi News पत्र में अली अनवर ने कहा है कि तीन दिवसीय रांची दौरा के दौरान मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी की विधवा शाइस्ता परवीन तथा उसके परिजन ने मुझसे मुलाकात की। ऐसे मामलों के लिए फास्‍ट ट्रैक कोर्ट जरूरी है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 06:58 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:50 PM (IST)
मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी की विधवा के लिए अली अनवर अंसारी ने मांगा इंसाफ, सीएम को लिखा पत्र
Tabrez Ansari Lynching, Jharkhand Ranchi News अली अनवर ने कहा कि ऐसे मामलों के लिए फास्‍ट ट्रैक कोर्ट जरूरी है।

रांची, जासं। मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी की विधवा शाइस्ता परवीन के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी ने मुख्यमंत्री से इंसाफ दिलाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि तीन दिवसीय रांची दौरा के दौरान मॉब लिंचिंग में मारे गए तबरेज अंसारी की विधवा शाइस्ता परवीन तथा उसके परिजन ने मुझसे मुलाकात की। उस क्रूर घटना के सिलसिले में पिछली सरकार ने हत्यारों को बचाने का प्रयास किया।

इसको लेकर पूरे देश में झारखंड सरकार की थू-थू हुई। उन्होंने कहा कि मॉब लिंचिंग विधवा संघर्ष मोर्चा बनाकर इंसाफ के लिए कई विधवाओं ने रांची में एक साथ भूख हड़ताल भी की है। आपके आश्वासन पर यह भूख हड़ताल टूटी है। मैं समझता हूं कि इन विधवाओं की यह मांग उचित है कि आपकी सरकार मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून बनाए। पूर्व में आप इसका आश्वासन भी दे चुके हैं। पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान, मणिपुर आदि राज्य सरकारें इस तरह का कानून बना भी चुकी हैं।

इस तरह के मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाना भी जरूरी है। तबरेज अंसारी की हत्या मामले में 13 नामजद हत्यारों में से 12 जमानत लेकर बाहर आ गए हैं। पुलिस ने तबरेज अंसारी की मृत्यु का कारण 'हार्ट फेल' बताकर एफआइआर से धारा 302 हटा दिया था और इस तरह हत्यारों को छुड़वाने में मदद की। जमानत मिलने के बाद फिर से अभियुक्तों पर 302 की धारा लगा दी गई है। इस मामले में खुद सरकार को विधवा की मदद करनी चाहिए। अली अनवर अंसारी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि झारखंड सरकार हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बड़े बेंच का गठन कर अभियुक्तों की जमानत पर फिर से विचार करने के लिए हाई कोर्ट से आग्रह करे।

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