परीक्षा कराने के आदेश का आजसू छात्र संघ ने किया विरोध, विवि परिसर में प्रदर्शन

डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय द्वारा आनन फानन में जारी किए गए परीक्षा कराने को लेकर धरना प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Mar 2021 06:00 PM (IST) Updated:Sun, 14 Mar 2021 06:00 PM (IST)
परीक्षा कराने के आदेश का आजसू छात्र संघ ने किया विरोध, विवि परिसर में प्रदर्शन
परीक्षा कराने के आदेश का आजसू छात्र संघ ने किया विरोध, विवि परिसर में प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, रांची : डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय द्वारा आनन फानन में जारी किए गए परीक्षा कराने के आदेश को लेकर शनिवार को आजसू छात्र संघ के सदस्यों ने पूर्ण तरीके से विरोध जताते हुए धरना प्रदर्शन किया। आजसू छात्र संघ ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा अचानक से उठाए गए इस कदम से छात्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। परीक्षा के लिए समय नहीं मिल पाने से छात्रों अंदर रोष है। उन्हें तैयारी करने के लिए बहुत ही कम समय मिल रहा है, जिसका प्रभाव उनके परीक्षा के परिणाम पर पड़ेगा। छात्रों द्वारा एग्जामिनेशन कंट्रोलर, रजिस्ट्रार एवं डीएसडब्ल्यू का घेराव किया गया। अंतत: वीसी एसएन मुंडा द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद प्रदर्शन को खत्म किया गया। वीसी ने कहा कि जिन छात्रों को 15 मार्च से परीक्षा देने में किसी प्रकार की समस्या है वे 18 मार्च के बाद भी परीक्षा दे सकते हैं। इस मौके पर आजसू छात्र संघ में अभिषेक झा, नीरज कुमार, खुशी सिंह, मुस्कान, अभिषेक जयसवाल, बबलू महतो, मनु, गौरव, भूषण, रोशन, विशाल, आदि मौजूद थे।

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एआइसीटीई के नए प्रस्ताव का टेक्निकल छात्र संघ ने किया स्वागत

जासं, रांची : एआइसीटीई की ओर से इंजीनियरिग की पढ़ाई के लिए गणित, भौतिक और रसायन विषय की अनिवार्यता खत्म करने के प्रस्ताव का टेक्निकल छात्र संघ ने समर्थन किया है। इसे विद्यार्थियों के लिए नया अवसर देने वाला निर्णय करार दिया है। संगठन के उपाध्यक्ष अभिषेक बनर्जी ने कहा यह निर्णय विविध पृष्ठभूमि से इंजीनियरिग के अध्ययन के लिए आने वाले छात्रों को राहत देने वाला है। जिन विद्यार्थियों ने बारहवीं कक्षा में भौतिकी, गणित व रसायन विज्ञान की पढ़ाई नहीं की होगी, वे भी इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। छात्रों को एआइसीटीई के संशोधित नियमों के अनुसार, इंजीनियरिग के स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने में सक्षम होने के लिए बारहवीं कक्षा में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों की जरूरत होगी और 14 विषयों की सूची में से तीन विषयों में उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा। संशोधित नियमों में तकनीकी नियामक ने 14 विषयों- भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन विषयों को सूची में शामिल किया है। इस निर्णय से छात्र खुश है और सारे इंजीनियरिग कॉलेज में एडमिशन भी होगा। किसी भी विद्यार्थी को यह नहीं सोचना होगा कि उसने बारहवीं में साइंस लेकर पढ़ाई क्यों नही की।

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