Jharkhand Hazaribagh: उम्र 40 वर्ष, लंबाई महज 28 इंच, खिरोधर के लिए मां की गोद ही सहारा

Jharkhand Hazaribagh हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड के बारा गांव निवासी खिरोधर प्रसाद मंडल 40 वर्ष के हो चुके हैं मगर उनकी लंबाई मात्र 28 इंच है। खुद चलने फिरने में असमर्थ हैं मां ही एकमात्र सहारा हैं। उनकी मां ने गांव में एक परचून की दुकान खोल दी।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 04:25 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 04:25 PM (IST)
Jharkhand Hazaribagh: उम्र 40 वर्ष, लंबाई महज 28 इंच, खिरोधर के लिए मां की गोद ही सहारा
40 के खिरोधर प्रसाद मंडल की लंबाई मात्र 28 इंच है, खुद चलने फिरने में असमर्थ हैं।

विष्णुगढ़,हजारीबाग {ललित मिश्रा}। मां की गोद एक नौनिहाल के लिए दुनिया का सबसे सुरक्षित स्थान होता है, लेकिन 40 बसंत देखने के बाद भी जब मां की गोद का सहारा लेना पड़े, तो बूढ़ी हो चली मां की मन: स्थिति को भली भांति समझा जा सकता है। यह स्थिति है हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड के बारा गांव के रहने वाले खिरोधर प्रसाद मंडल और उनकी मां की। खिरोधर 40 वर्ष के हो चुके हैं, मगर उनकी लंबाई मात्र 28 इंच है। खुद चलने फिरने में असमर्थ हैं, मां ही एकमात्र सहारा हैं।

खिरोधर की कुछ आय हो जाए इसके लिए उनकी मां पार्वती देवी ने गांव में एक परचून की दुकान खोल दी। इस दुकान में खिरोधर को वह रोज छोड़ जाती हैं। खिरोधर यहां दिन भर बैठे या लेटे रहते हैं। ग्राहक आते हैं और खुद सामान लेकर पैसे रखकर चले जाते हैं। मां शाम में दुकान पहुंचती हैं, उन्हें लेकर घर आती हैं। यही उनकी दिनचर्या है। खिरोधर को चिंता यह सता रही कि मां बूढ़ी हो रही है, वह कब तक उसे गोद में उठा पाएगी। इसके अलावा मां के गुजरने के बाद उनका क्या होगा। उनका जीवन यापन कैसे हो पाएगा। मां भी परेशान है कि उनके बाद खिरोधर का क्या होगा।

चार भाई-बहनों में खिरोधन दूसरे नंबर पर हैं। अन्य भाई बहन सामान्य हैं। गांव के स्कूल से प्राथमिक शिक्षा हासिल करने के बाद विष्णुगढ़ इंटर कालेज से 2006 में खिरोधर ने इंटरमीडिएट उत्तीर्ण किया था। उन्हें सरकारी नौकरी की चाहत थी, जो पूरी नहीं हुई। सरकारी मदद के नाम पर उन्हें केवल एक हजार मासिक पेंशन मिल रही है।

खिरोधर कहते हैं कि नौकरी के लिए पूर्व में नेताओं से लेकर मुख्यमंत्री तक से मिल चुका हूं। सिर्फ आश्वासन मिला। कान से उन्हें सुनाई नहीं देता है। उन्होंने जिला प्रशासन से कान में सुनने वाली मशीन व पीडीएस दुकान के लाइसेंस की मांग की है। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को पत्र लिखने का निर्णय लिया है।

ग्रामीणों का कहना है कि गणना तो नहीं हुई है, लेकिन यह संभावना है कि खिरोधर राज्य में सबसे कम ऊंचाई के इंसान हो सकते हैं। उन्हें इस बात का मलाल है कि उनकी गणना देश या विश्व के नाटे कद वाले इंसानों की सूची में नहीं हो रही। ऐसा होता तो शायद उन्हें कुछ और मदद मिल जाती।

अत्याधिक कम कद वाले इस दिव्यांग की स्थिति मेरे संज्ञान में है। ई-चेयर और पेंशन आदि की तमाम सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। इनका नाम छोटे कद वाले इंसानों की सूची में शामिल कराने की दिशा में प्रशासनिक पहल की जाएगी।

- संजय कुमार कोंगाडी, बीडीओ, विष्णुगढ़।

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