डॉक्टरों पर हमले के खिलाफ आइएमए ने रांची में मनाया काला दिवस

डॉक्टर पर हो रहे हमले के खिलाफ आई एम ए ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया। इस बीच डॉक्टरों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। आईएमए में जुटे दर्जनों डॉक्टरों ने हो रहे हिंसा को रोकने के लिए सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 01:11 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 01:12 PM (IST)
डॉक्टरों पर हमले के खिलाफ आइएमए ने रांची में मनाया काला दिवस
डॉक्टरों पर हमले के खिलाफ आइएमए ने रांची में मनाया काला दिवस। जागरण

रांची, जासं। कोविड काल के दौरान डॉक्टर पर हो रहे हमले के खिलाफ आइएमए ने शुक्रवार को काला दिवस मनाया। इस बीच डॉक्टरों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। आइएमए में जुटे दर्जनों डॉक्टरों ने हो रहे हिंसा को रोकने के लिए सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की है। साथ ही इस एक्ट को आईपीसी और सीआरपीसी के अंतर्गत रखा जाए और फास्ट ट्रैक कोर्ट पर इस तरह के मुकदमे का समाधान हो।

आईएमए के सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि आज ऐसी स्थिति है की अस्सी परसेंट वर्कप्लेस पर डॉक्टर के साथ किसी न किसी रूप में हिंसा हो रही है। साथ में 38% हेल्थ वर्कर अपने पूरे जीवन काल में हिंसा का शिकार जरूर होता है। इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए आज ना सिर्फ झारखंड बल्कि पूरा देश एकजुट हुआ है और देश भर के डॉक्टर आज काला दिवस मना रहे हैं। सरकार से मांग की जा रही है कि वह मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करें। यह एक सिर्फ डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि सही और बेहतर चिकित्सा व्यवस्था लोगों को मिल सके इसलिए भी यह एक्ट लागू करना जरूरी है।

आईएमए महिला विंग की अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने डॉक्टर पर हो रही हिंसा को लेकर कड़ा विरोध जताया उन्होंने कहा इस तरह की हिंसा के बीच में कोई डॉक्टर सही तरीके से काम नहीं कर सकेंगे इसका सीधा नुकसान आम जनता को भी मरीजों को होगा। उन्होंने कहा डॉक्टर पर किए जाने वाले हमले पर रोक लगाई जाए सेंट्रल मेडिकल प्रोटेक्शन बिल लागू किया जाए। एलोपैथिक दवाइयों के संबंध में व जीवन रक्षक कोरोना टीका के बारे में अपमानजनक बयान देने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो।

इससे पहले रिम्स में डॉक्टर ने काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही यह संदेश दिया कि जब तक विश्व रक्षित नहीं रहेंगे मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पाएगा। रिम्स में प्रदर्शन करने के बाद डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज करना शुरू किया।

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