Jharkhand Politics: बाबूलाल के बाद करिया बनते सीएम, सरयू की मुहिम से अर्जुन को मिला था ताज, पुस्तक में छिपे हैं कई राज, आप भी जानिए

Jharkhand Politics सरयू राय के जीवन पर आधारित अंग्रेजी पुस्तक द पीपुल्स लीडर में राजनीतिक उठापटक से संबंधी कई राज का खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि बाबूलाल के बाद करिया मुंडा को सीएम बनाया जा रहा था। लेकिन सरयू की मुहिम से अर्जुन मुंडा को मौका मिला।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 03:15 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 03:15 PM (IST)
Jharkhand Politics: बाबूलाल के बाद करिया बनते सीएम, सरयू की मुहिम से अर्जुन को मिला था ताज, पुस्तक में छिपे हैं कई राज, आप भी जानिए
सरयू राय के जीवन पर आधारित अंग्रेजी पुस्तक 'द पीपुल्स लीडर' में इसका खुलासा

रांची{प्रदीप सिंह}। झारखंड में पहले राजनीतिक उथल पुथल के बाद जब बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री पद से हटे तो करिया मुंडा को उनके स्थान पर बिठाने की योजना भाजपा आलाकमान की थी। लेकिन सरयू राय ने इनके मुकाबले अर्जुन मुंडा का नाम आगे किया। अर्जुन मुंडा बाबूलाल मरांडी के मंत्रिमंडल में शामिल थे। भाजपा के विधायक अर्जुन मुंडा के समर्थन में दिल्ली गए और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को इसके लिए मनाने में कामयाब हो गए। अर्जुन मुंडा झारखंड के दूसरे मुख्यमंत्री बनाए गए।

चारा घोटाला, मधु कोड़ा लूट कांड से लेकर सत्ता की खामियों को अक्सर उजागर करने वाले सरयू राय के जीवन पर आधारित अंग्रेजी पुस्तक 'द पीपुल्स लीडर' में इसका खुलासा किया गया है। इसके अलावा उनके व्यक्तिगत जीवन से लेकर राजनीतिक जीवन से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को इस पुस्तक में उभारा गया है। कम ही लोग जानते होंगे कि सरयू राय के पिता उनके छात्र जीवन में ही लापता हो गए थे। अभी तक उनका पता नहीं चल पाया है। इस प्रकरण का उनके जीवन पर इतना गहरा असर पड़ा कि वे लंबे समय तक परेशान रहे।

लालू प्रसाद बिहार में सरयू राय को डिप्टी प्लानिंग कमीशन में रखना चाहते थे, लेकिन यह नियुक्ति टल गई थी। नीतीश कुमार ने एक बार इसे लेकर सरयू राय को लालू प्रसाद से मुलाकात करने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वे खुशामद कर कोई पद नहीं लेंगे। अगर उनकी नियुक्ति हो जाती है तब वे जाकर शिष्टाचार के नाते उनसे मुलाकात कर लेंगे। सरयू राय ने पटना साइंस कालेज से उच्च शिक्षा हासिल की है।

पुस्तक में इसका भी जिक्र है कि कैसे जब वे पहली बार पटना आए तो उत्सुकतावश शहर को देख रहे थे। बचपन में चप्पल तक पहनने को नहीं मिलती थी। लेखक विवेकानंद झा ने इसका वर्णन सत्यजीत राय की बांग्ला फिल्म अपूर संसार के उस बालक पात्र से की है, जो पहली बार गांव से कोलकाता आता है और वहां की इमारतों को ऊपर से नीचे तक निहारता है। उन्होंने राय की वाशिंगटन यात्रा का भी जिक्र पुस्तक में किया है।

लालू के कारनामे को उजागर किया, लेकिन उन्होंने की चुनाव में मदद

झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को 2019 के विधानसभा चुनाव में सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी से हराने में कामयाबी पाई। उस वक्त लालू प्रसाद ने उनकी खुलकर मदद की थी। लालू प्रसाद ने उन्हें फोन कर पूरा समर्थन देने का वादा किया और भोजपुरी में कहा कि आपको इलेक्शन जीतना है। हम आपके साथ हैं। लालू प्रसाद ने अपने विश्वस्त नेताओं को भी मुहिम में लगाया। हालांकि सरयू राय ने लालू प्रसाद को जेल तक पहुंचाने वाला मामला चारा घोटाला को उजागर किया था, लेकिन चुनाव में उनका समर्थन पाकर वे चकित हुए। रघुवर दास से चुनाव जीतना उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जिसने उन्हें देश के अन्य हिस्सों में भी चर्चा दिलाई।

हेमंत सोरेन करेंगे पुस्तक का लोकार्पण

'द पीपुल्स लीडर' का लोकार्पण गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम प्रोजेक्ट भवन आडिटोरियम में होगा। किताब प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित किया है।

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