ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद बोलीं झारखंड की बेटियां- ये सपना सच होने जैसा

टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम इतिहास रच रही है। दोनों ही टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश कर गई है। महिला टीम में झारखंड की दो बेटियां निक्की प्रधान व सलीमा टेटे भी अपने प्रदर्शन से सबको अपना मुरीद बना लिया है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 01:21 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 01:21 PM (IST)
ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद बोलीं झारखंड की बेटियां- ये सपना सच होने जैसा
ऑस्ट्रेलिया को क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद बोलीं झारखंड की बेटियां- ये सपना सच होने जैसा। जागरण

रांची [संजीव रंजन] । टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय हाकी टीम इतिहास रच रही है। दोनों ही टीमें सेमीफाइनल में प्रवेश कर गई है। महिला टीम में झारखंड की दो बेटियां निक्की प्रधान व सलीमा टेटे भी अपने प्रदर्शन से सबको अपना मुरीद बना लिया है। आस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में मिले जीत के बाद निक्की व सलीमा ने कहा कि टोक्यो में जो हासिल हुआ है वह उम्मीद से भी ज्यादा है। हम जब यहां आए थे तो सब हमें काफी हल्के में ले रहे थे। लगातार तीन मैच हारने के बाद हमारी वापसी काफी मुश्किल थी। लेकिन हमने हार नहीं मानी और टीम ने श ानदार प्रदर्शन करते हुए अंतिम चार में अपना स्थान प क्का किया।

झारखंड की बेटियों ने कहा कि ओलिंपिक खेलने का सपना सबका होता है। टीम के प्रदर्शन को देखते हुए यह उम्मीद बंधी है कि इस बार हम पदक भी जीतने में सफल रहेंगे। हमारा सपना सच होने के करीब है। निक्की ने कहा तीन मैच में लगातार हार के बाद हमलोग निराश थे। हमारा अगला मुकाबला आयरलैंड जैसी मजबूत टीम से था। मैच के पहले हमलोग ने यह फैसला किया कि अभी नहीं तो फिर कभी नहीं। अब से हर मैच को फाइनल की तरह खेलना होगा। हमलोगों ने सोचा कि हमारे पास खोने को कुछ नहीं है लेकिन जितने को काफी कुछ है। इसलिए आयरलैंड के खिलाफ हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा।

हमलोगों ने बेहतर खेला और परिणाम हमारे पक्ष में (1-0) रहा। एक जीत हमें मिल गई थी अगर हमलोग दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जीत हासिल कर लेंगे तो अंितम आठ में पहुंच जाएंगे। मैच के पहले वाली रात ही हमलोगों ने निर्णय लिया परिणाम कुछ भी हो हम आक्रामक खेलेंगे और जीत के लिए पूरा दम लगा देंगे। यह मैच हमलोगों ने 4-3 से जीत लिया। दोनों ने कहा क्वार्टर फाइनल में पहुंचने का सपना इस जीत के साथ पूरा हो गया। लेकिन अंतिम चार में पहुंचने के लिए हमें आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराना था। हमलोग जानते थे कि आस्ट्रेलिया का आक्रमण काफी तेज होता है। हमलोगों ने आक्रमण व रक्षण के बीच सामंजस्य बनाकर खेलने का निर्णय लिया। यह रणनीति भी सफल रही। निक्की ने कहा कि हमारे पास खोने को कुछ नही है लेकिन सेमीफाइनल जीत गए तो मानो हमने जहां जीत लिया। हमलोग चाहते हैं कि जब हम घर लौटे तो पदक के साथ।

हाकी इंडिया के प्रतिनिध बनकर टोक्यो गए हाकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह ने कहा देश की बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। निक्की प्रधान व सलीमा टेटे का मैं विशेष रूप से नाम लेना चाहूंगा क्योंकि दोनों झारखंड की है। निक्की का यह दूसरा और सलीमा का पहला ओलिंपिक है। दोनों ने शानदार प्रदर्शन कर हमें गौरवांवित किया। मैच होने के बाद मैने जाकर दोनों को आशीष दिया और कहा कि झारखंड में सबकी नजरें तुम दोनों पर लगी है। भोलानाथ ने कहा कि आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम को हराने के बाद मुझे लग रहा है कि इस बार महिला टीम भी कोई ना कोई करिश्मा करेगी।

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