मंत्रीजी मेरे पिता इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मर गए आप इंटरव्यू दे रहे, यही है आपकी स्वास्थ्य व्यवस्था...

मंगलवार को इलाज के अभाव में एक मरीज की मौत हो गई। मरीज के परिजन सदर अस्पताल के गेट पर 45 मिनट तक इलाज के लिए गुहार लगाते रहे। लेकिन परिजनों के मुताबिक कोई भी डॉक्टर मरीज को देखने तक नहीं आया।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 01:24 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 03:55 PM (IST)
मंत्रीजी मेरे पिता इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मर गए आप इंटरव्यू दे रहे, यही है आपकी स्वास्थ्य व्यवस्था...
मंत्रीजी मेरे पिता इलाज के अभाव में तड़प-तड़प कर मर गए आप इंटरव्यू दे रहे। जागरण

रांची, जासं । स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। कोविड को लेकर किए जा रहे प्रयास का जायजा ले रहे थे। इसी बीच एक लड़की आई और जोर-जोर से बोलने लगी स्वास्थ्य मंत्री जी आप इंटरव्यू दे रहे हैं। मेरा मेरे पिता तड़-तड़प कर मर गए। यही है आपके राज में स्वास्थ्य की व्यवस्था। युवती जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लगी। युवती के सवाल का मंत्री के पास कोई जवाब नहीं था।

वो वार्ता समाप्त कर वहां से निकल गए। मृतक बुजुर्ग थे। रांची के ही रहने वाले थे। अचानक तबियत बिगड़ने पर सदर अस्पताल पहुंचे थे। सदर अस्पताल में कोई देखने वाला नहीं था। करीब 45 मिनट तक कागजी कार्रवाई होती रही। इसी दौरान बुजुर्ग की मौत हो गई। मंत्री ने खुद मरीजों के लिए आया खाना-खा कर देखा।

गौरतलब है कि झारखंड में कोरोना के मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इनमें सबसे अधिक कोरोना के मामले राजधानी रांची से मिल रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के सामने मरीजों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। हालत ऐसी है कि रिम्स तो छोड़िए शहर के निजी अस्पतालों में भी मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। हालांकि सोमवार को स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने राज्यभर के सभी उपायुक्तों को आदेश देते हुए कहा कि निजी अस्पतालों में 50 फीसद बेड कोरोना मरीजों के लिए सुरक्षित किए जाएंं। जो पहले 25 फीसद था। बावजूद इसके मरीजों को बेड नहीं मिलने और सही समय पर इलाज नहीं मिलने की शिकायतें मिल रही हैं।

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