झारखंड में आदिवासी जमीन की हेरफेरी करने वालों की खैर नहीं, जांच के लिए कमेटी गठित
झारखंड में आदिवासी जमीन की हेराफेरी करने वालों पर सरकार की नजर है। विधानसभा की विशेष कमेटी ऐसे मामलों की जांच करेगी। विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका एलान किया था। विधानसभा की विशेष कमेटी से जांच कराने की बात कही थी।
रांची, जासं। झारखंड में आदिवासी जमीन की हेराफेरी करने वालों पर सरकार की नजर है। विधानसभा की विशेष कमेटी ऐसे मामले की जांच करेगी। विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका एलान किया था। विधानसभा की विशेष कमेटी से जांच कराने की बात कही थी। राज्य में बड़े पैमाने पर कानून का उल्लंघन कर आदिवासी जमीन की खरीद- फरोख्त की शिकायतें मिल रही हैं।
मामले की जांच को लेकर विधानसभा की विशेष समिति का गठन हो गया है। समिति के सभापति प्रो. स्टीफन मरांडी होंगे। जबकि लोबिन हेंब्रम, लंबोदर महतो और केदार हाजरा सदस्य बनाए गए हैं। मानसून सत्र में लोबिन हेंब्रम ने इस मामले को उठाया था। झारखंड में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी नहीं ले सकते। इसके लिए छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम और संताल परगना काश्तकारी अधिनियम लागू है। कानून के बावजूद आदिवासी जमीन की बड़े पैमाने पर अवैध जमाबंदी कराई जा रही है।