CM हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले की कोशिश में हर स्‍तर पर चूक, पुलिस अफसरों पर गिरेगी गाज

Jharkhand CM Hemant Soren News हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले की कोशिश मामले में दो सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी की जांच पूरी हो गई है। खुफिया तंत्र से लेकर यातायात व पुलिस पदाधिकारियों की घोर लापरवाही उजागर हुई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 10:15 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 10:16 AM (IST)
CM हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले की कोशिश में हर स्‍तर पर चूक, पुलिस अफसरों पर गिरेगी गाज
झारखंड के मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन। फाइल फोटो

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची में हरमू बाईपास रोड पर चार जनवरी को किशोरगंज चौक के समीप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले की कोशिश मामले में दो सदस्यीय जांच कमेटी की जांच पूरी हो गई है। दो दिनों के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। उच्च स्तरीय जांच कमेटी में भूमि निबंधन एवं राजस्व विभाग के सचिव केके सोन व आइजी अखिलेश कुमार झा शामिल हैं। उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि सीएम के काफिले पर हमले की कोशिश में सुरक्षा संबंधित हर स्तर पर चूक हुई है।

खुफिया तंत्र से लेकर यातायात पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पुलिस के अधिकारियों तक की लापरवाही उजागर हो चुकी है। अब यह तय माना जा रहा है कि सभी दोषी पुलिस अधिकारियों-कर्मियों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। उच्च स्तरीय जांच समिति ने पाया कि काफिला मंत्रिमंडल सचिवालय से मुख्यमंत्री आवास के लिए चला था।

समय से वायरलेस पर सूचना प्रसारित हुई होती, तो मुख्यमंत्री का काफिला दूसरे रास्ते से डायवर्ट करा दिया जाता। लेकिन, ऐन वक्त पर सूचना मिलने से हरमू बाईपास रोड से बड़ा तालाब के रास्ते काफिले को भेजना पड़ा। मुख्यमंत्री के काफिले में डीएसपी स्तर के अधिकारी को रहना अनिवार्य है, लेकिन घटना के दिन काफिले में इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी शामिल था। घटना के दिन कोतवाली व सुखदेवनगर के थानेदार कहीं नहीं दिखे। वरीय पुलिस अधिकारी भी नहीं थे।

अगर उपद्रवी मुख्यमंत्री के काफिले की ओर बढ़ जाते, तो उन्हें रोकने वाला वहां कोई मौजूद नहीं था। यह सुरक्षा संबंधित बड़ी लापरवाही है। उच्च स्तरीय समिति ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों का बयान ले लिया है। अब यह तय माना जा रहा है कि जो भी चिह्नित पुलिस पदाधिकारी इसके लिए दोषी ठहराए गए हैं, उनपर कार्रवाई होनी है। गौरतलब है कि चार जनवरी को ओरमांझी में एक युवती के सिरकटे शव मिलने के मामले में विरोध स्वरूप किशोरगंज चौक पर मुख्यमंत्री का काफिला रोकने की कोशिश की गई थी।

किशोरगंज चौक पर उपद्रवियों ने काफिले की पहली गाड़ी में मौजूद गोंदा यातायात थाना के प्रभारी को जख्मी कर दिया था। इस बीच, काफिले को भारत माता चौक से डायवर्ट कर बड़ा तालाब, मेन रोड, कचहरी चौक होते हुए मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना किया गया था।

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