रेमडेसिविर कालाबाजारी: आरोपित खुद को बताता था डीआइजी व एफएसएल डायरेक्टर, मामला दर्ज
Remdesivir Black Marketing Jharkhand Hindi News Ranchi Samachar रांची में रेमडेसिवीर की कालाबाजारी मामले में राजीव फिलहाल जेल में बंद है। राजीव की गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से जब्त मोबाइल को लेकर मामला दर्ज कराया गया है।
रांची, जासं। रांची में रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी मामले के आरोपित राजीव सिंह का एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। वह खुद को कभी रेल डीआइजी, कभी एससी आयोग के चेयरमैन का ओएसडी तो कभी फूड सेफ्टी काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफएससीआइ) का डायरेक्टर बताता था। अपना गलत परिचय देकर वह लोगों को झांसे में लेता था। इसकी ऑडियो सीआइडी के हाथ लगी है, तब मामला सामने आया। इसे लेकर रेमडेसिविर प्रकरण की जांच के लिए बनी सीआइडी की एसआइटी ने डोरंडा थाने में एफआइआर दर्ज कराई है।
सीआइडी के इंस्पेक्टर संतोष कुमार की ओर केस दर्ज करवाया गया है। इसमें बताया गया है कि रेमडेसिविर प्रकरण की जांच के दौरान राजीव कुमार सिंह के पास से दो मोबाइल जब्त किए गए हैं। इन मोबाइल की जांच के दौरान तीन अलग-अलग ऐसी ऑडियो सामने आई, जिसमें वह खुद को रेल डीआइजी, ओएसडी, तो कभी एफएससीआइ डायरेक्टर बताकर धौंस झाड़ रहा है। इससे संबंधित ऑडियो के आधार पर ही डोरंडा थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। डोरंडा थाने में एफआइआर दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।
1.10 लाख में बेची थी 5 इंजेक्शन
राजीव कुमार सिंह ने कालाबाजारी करते हुए 1.10 लाख में 5 इंजेक्शन की वाइल बेची थी। एक निजी चैनल के स्टिंग के बाद मामला सामने आया था। इसके बाद आरोपित राजीव कुमार सिंह को नामजद आरोपित बनाते हुए केस दर्ज किया गया था। ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों की ओर से दर्ज कराई गई एफआइआर में बताया गया है कि एक क्षेत्रीय चैनल के द्वारा की गई स्टिंग से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली।
इस सूचना के बाद ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम कोतवाली थाना पहुंची। वहां से कोतवाली थाने की पुलिस के साथ टीम क्षेत्रीय चैनल के दफ्तर पर पहुंची और कालाबाजारी से 1.10 लाख में खरीदी गई रेमडेसिविर इंजेक्शन को विधिवत जब्त किया। जब्ती सूची तैयार करने के बाद टीम कोतवाली थाने पहुंची और एफआइआर दर्ज कराई।
सीआइडी कर रही मामले की जांच
मामले में बीते 29 अप्रैल को आइपीसी की धारा 420 120 बी, 188, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। एफआइआर में स्टिंग करने वाले क्षेत्रीय चैनल की सूचना और उस कार्यालय से जब्ती सूची तैयार करने को आधार बनाया गया है। मामले को हाईकोर्ट के निर्देश पर सीआइडी ने टेकओवर किया था। इसके बाद सीआइडी में एसआइटी बनी थी। 30 अप्रैल को राजीव सिंह को जेल भेजा गया था।
राजभवन के पास बेचा गया था इंजेक्शन
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के लिए आरोपित अपनी कार (जेएच01पी-0044) से राजभवन के पास पहुंचा था। वहीं पर 1.10 लाख रुपये लेकर इंजेक्शन की पांच वाइल बेची थी। इस पूरे कालाबाजारी की वीडियो फुटेज भी ड्रग कंट्रोल विभाग ने लिया है। इसे पुलिस को सौंपा गया है। इस कांड के अनुसंधान में वीडियो फुटेज को साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।