जरूरतमंदों को भोजन दे रहा अभाविप

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची महानगर रिम्स परिसर में कोरोना मरीजों के परिजनों को भोजन बांट रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 07:15 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 07:15 AM (IST)
जरूरतमंदों को भोजन दे रहा अभाविप
जरूरतमंदों को भोजन दे रहा अभाविप

जागरण संवाददाता, रांची : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची महानगर रिम्स परिसर में कोरोना का इलाज करा रहे सैकड़ों लोगों एवं जरूरतमंदों के बीच लगातार तीसरे सप्ताह भोजन के पैकेट का वितरण कर रहा है। परिषद के कार्यकर्ता अभाविप प्रदेश कार्यालय में भोजन बनाकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। अभाविप का प्रयास है कि कोरोना काल की विकट परिस्थिति में एक छोटी सी पहल के तहत जनमानस की सेवा की जाए। इसमें प्रदेश सह मंत्री मोनू शुक्ला, विभाग सह संयोजक कुमार दुर्गेश, महानगर मंत्री पल्लवी गाड़ी, शशिकांत कुमार, प्रेम प्रतीक, आदित्य सिंह, रवि अग्रवाल, रितेश सिंह, नंद राज तिवारी, कबीर शर्मा, कृष्णा कुमार, अभिषेक वर्मा, ऋषभ सिन्हा आदि सहयोग दे रहे हैं।

सेवा भारती ने बांटे 570 भोजन के पैकेट

सेवा भारती महानगर की ओर से सोमवार को कोविड-19 के मरीजों के परिजनों के बीच रिम्स के बाहर 570 भोजन पैकेट वितरण किया गया। अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के रोगियों के परिजनों ने मास्क पहनकर एवं दो गज की दूरी बनाकर भोजन पैकेट प्राप्त किया। भोजन के पैकेट में पूड़ी, सब्जी अंचार साथ में एक बोतल पीने का पानी दिया गया। मौके पर मौजूद सेवा भारती के प्रांतीय सह सचिव राधेश्याम अग्रवाल ने कहा कि जरूरतमंदों को परिवार भाव से भोजन के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

प्रांतीय सचिव ऋषि पांडेय ने बताया कि कोरोना काल में झारखंड के विभिन्न जिलों में स्थानीय कार्यकर्ताओं के माध्यम से सेवा और राहत का कार्य किया जा रहा है। इसमें कोविड-19 मरीजों के लिए अस्पताल में बेड व्यवस्था, ऑक्सीजन सिलेंडर, आवश्यक दवाएं, ऑनलाइन डॉक्टरी सलाह, संक्रमित मरीजों के घर के लिए भोजन के पैकेट, रक्तदान, प्लाज्मा दान, हेल्पलाइन आदि के माध्यम से सहयोग किया जा रहा है। सचिव ऋषि पांडेय ने बताया कि केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने हल्के लक्षणों वाले कोरोना मरीजों के इलाज में आयुष-64 दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दी है। यह दवा उन मरीजों को दी जाएगी, जो होम आइसोलेशन में हैं और कोविड-19 पोजीटिव है। झारखंड में आयुष-64 दवा वितरण हेतु सेवा भारती को नोडल संस्था बनाया गया है। तीन-चार दिनों में दवा उपलब्ध हो जाएगी।

chat bot
आपका साथी