7th JPSC Exam 2020: सातवीं सिविल सेवा परीक्षा रद, आरक्षण पर फंसा पेच; पढ़ें बड़ी खबर

7th JPSC Exam दैनिक जागरण ने सातवीं सिविल सेवा परीक्षा में भी नहीं मिलेगा आरक्षण खबर प्रमुखता से प्रकाशित कर यह मामला उठाया था...

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 12:21 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2020 07:28 AM (IST)
7th JPSC Exam 2020: सातवीं सिविल सेवा परीक्षा रद, आरक्षण पर फंसा पेच; पढ़ें बड़ी खबर
7th JPSC Exam 2020: सातवीं सिविल सेवा परीक्षा रद, आरक्षण पर फंसा पेच; पढ़ें बड़ी खबर

रांची, राज्य ब्यूरो। 7th JPSC Exam 2020 झारखंड लोक सेवा आयोग की सातवीं सिविल सेवा परीक्षा को रद कर दिया गया है। कार्मिक विभाग ने आरक्षण विसंगतियों के कारण इसकी अनुशंसा वापस ले ली है। मुख्‍य सचिव डीके तिवारी ने बताया कि नोटिफिकेशन को दुरुस्‍त कर जल्‍द ही फिर से जारी किया जाएगा। सरकार जल्‍द से जल्‍द सातवीं जेपीएससी परीक्षा कराने को प्रतिबद्ध है। शनिवार को मीडिया से बातचीत में मुख्‍य सचिव ने साफ किया कि आरक्षण संबंधी प्रावधान के साथ झारखंड लोक सेवा आयोग जल्‍द ही इसकी अधिसूचना जारी कर देगा।

राज्य सरकार ने झारखंड लोक सेवा आयोग की सातवीं सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा को रद कर दिया है। राज्य सरकार के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने इस परीक्षा के आयोजन को लेकर भेजी गई अनुशंसा वापस मांग ली है। राज्य सरकार ने आयोग द्वारा जारी सूचना में इसकी प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण का प्रावधान नहीं होने के कारण परीक्षा रद करने का निर्णय लिया। दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में 'सातवीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में भी नहीं मिलेगा आरक्षण' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मामले को उठाया था।

कार्मिक विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने जेपीएससी के सचिव रणेंद्र कुमार को पत्र भेजकर तीन वर्षों वर्ष 2017, 2018 तथा 2019 के लिए संयुक्त रूप से आयोजित होनेवाली सातवीं सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षा की सूचना रद करने को कहा है। साथ ही इससे संबंधित सभी पदों के लिए नियुक्ति को लेकर भेजी गई अनुशंसा वापस करने को कहा है।

उन्होंने पांचवीं व छठी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षाओं में आरक्षण को लेकर हुए विवाद तथा अभ्यर्थियों द्वारा की गई शिकायतों तथा प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम में संशोधन होने का उल्लेख करते हुए तथा कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल होने का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त निर्णय लिए जाने की बात कही है। कहा है कि उक्त विवाद के निराकरण नहीं होने से सातवीं सिविल सेवा परीक्षा भी विवादित हो सकती है। बता दें कि जेपीएससी ने बुधवार को ही सातवीं सिविल सेवा संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा की घोषणा की थी। इसके तहत एक से तीस मार्च तक ऑनलाइन फार्म भरे जाने थे।

विवादों के निराकरण के लिए गठित होगी उच्च स्तरीय कमेटी

कार्मिक सचिव ने उक्त विवादों के निराकरण के लिए उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की तैयारी की भी बात कही है। कहा है कि जबतक इस कमेटी की अनुशंसा प्राप्त नहीं हो जाती तबतक नई सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन तथा इसके लिए आवेदन मंगाना सही प्रतीत नहीं होता है।

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