Jharkhand: 70 वर्षीय मां ने परंपरा को तोड़ 45 वर्षीय बेटे को दी मुखाग्नि

एक 70 वर्षीय मां गौरी कुंवर ने सामाजिक परंपरा को तोड़ते हुए अपने 45 वर्षीय बेटे अवधेश पाल को मुखाग्नि दी। गढ़वा जिले के केतार प्रखंड के पाल नगर टोले की यह घटना है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 19 May 2019 12:14 PM (IST) Updated:Sun, 19 May 2019 12:14 PM (IST)
Jharkhand: 70 वर्षीय मां ने परंपरा को तोड़ 45 वर्षीय बेटे को दी मुखाग्नि
Jharkhand: 70 वर्षीय मां ने परंपरा को तोड़ 45 वर्षीय बेटे को दी मुखाग्नि

रांची, जेएनएन। एक 70 वर्षीय मां गौरी कुंवर ने सामाजिक परंपरा को तोड़ते हुए अपने 45 वर्षीय बेटे अवधेश पाल को मुखाग्नि दी। गढ़वा जिले के केतार प्रखंड के पाल नगर टोले की यह घटना है। मारपीट की एक घटना में घायल होने के बाद अवधेश पाल की 15 मई को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी।

परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं होने के कारण मुखाग्नि देने की परंपरा को लेकर समस्या उत्पन्न हुई तो 70 वर्षीय मां गौरी कुंवर ने दृढ़ता दिखाते हुए अपने पुत्र को मुखाग्नि देने का निर्णय लिया। वह अपने पुत्र के दाह संस्कार में शामिल होने के बाद श्राद्ध कर्म से संबंधित सभी प्रकार की परंपरा का निर्वहन भी कर रही हैं। किसी महिला द्वारा बेटे को मुखाग्नि देना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

लोग गौरी कुंवर के निर्णय की तारीफ भी कर रहे हैं। गौरी कुंवर का कहना है कि परिवार में अवधेश की पत्नी सुनीता कुंवार, चार बेटियां नेहा कुमारी, विद्या कुमारी रागिनी कुमारी एवं स्नेहा कुमारी हैं। मेरे पति की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी है। पुत्र की मौत के बाद उसे मुखाग्नि देने वाला कोई नहीं बचा। इसलिए मजबूरी में मैंने मुखाग्नि देने का निर्णय लिया है।

परिवार में किसी पुरुष सदस्य के न होने के कारण परिवार के सामने यह विकट समस्या उत्पन्न हुई। उसने लोगों से मदद की गुहार लगाई है। समाज के कुछ लोग केतार पाल नगर टोला पहुंचे तथा गौरी कुंवर व परिवार वालों को सांत्वना दी और हर संभव मदद करने का आश्वासन भी। लोगों ने दाह संस्कार में मदद के लिए सहायता दी। साथ ही अवधेश पाल की पुत्री की शादी सामूहिक विवाह के दौरान कराने की घोषणा भी की।

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