6th JPSC Latest News: सरकार व जेपीएससी से पहले चयनित अभ्यर्थियों ने दाखिल की अपील

छठी जेपीएससी के मेरिट लिस्ट को खारिज कर नई मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में करीब सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों की ओर से अपील याचिकाएं दाखिल की गई है। इन याचिकाओं में एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई गई।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 09:48 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 11:08 AM (IST)
6th JPSC Latest News: सरकार व जेपीएससी से पहले चयनित अभ्यर्थियों ने दाखिल की अपील
6th JPSC Latest News: सरकार व जेपीएससी से पहले चयनित अभ्यर्थियों ने दाखिल की अपील। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो। छठी जेपीएससी के मेरिट लिस्ट को खारिज कर नई मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में करीब सौ से ज्यादा चयनित अभ्यर्थियों की ओर से अपील याचिकाएं दाखिल की गई है। इन याचिकाओं में एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए निरस्त करने की गुहार लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि छठी जेपीएससी के मुख्य परीक्षा में पेपर वन (हिंदी व अंग्रेजी) का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है। इसके अलावा अभ्यर्थियों को प्रत्येक पेपर में चालीस प्रतिशत अंक नहीं लाना था, बल्कि कुल प्राप्तांक चालीस प्रतिशत लाना अनिवार्य था। इसी आधार पर जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट जारी की थी। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है।

इसलिए एकल पीठ के आदेश को निरस्त किया जाए। 42 चयनित अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया की और अधिवक्ता अर्पण मिश्रा ने 49 अभ्यर्थियों की ओर से अपील याचिका दाखिल की है। उक्त याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि जब कोई अभ्यर्थी एक बार नियुक्ति परीक्षा में शामिल हो जाता है, वह नियुक्ति पर सवाल नहीं उठा सकता है। यानि इस मामले में एकल पीठ में याचिका दाखिल करने वाले दिलीप कुमार सिंह और प्रकाश राम भी अभ्यर्थी थे।

इसलिए उन्हें प्रक्रिया में शामिल होने के बाद विज्ञापन को चुनौती देने का अधिकार नहीं है। हालांकि अभी तक न तो राज्य सरकार और न ही जेपीएससी की ओर से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की है। दरअसल, एकल पीठ ने जून 2021 में छठी जेपीएससी के मेरिट लिस्ट को खारिज कर दिया था। अदालत ने जेपीएससी को आदेश दिया था कि आठ सप्ताह में संशोधित मेरिट लिस्ट जारी करें। अदालत के आदेश के बाद 326 पदाधिकारियों की नौकरी खतरे में आ गई है।

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