जेल में बंद 400 से ज्यादा कैदी रख रहे रोजा, रिहाई और कोरोना महामारी से निजात के लिए मांग रहे दुआ
रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद 400 से ज्यादा कैदी भी रोजा रख रहे हैं। रमजान महीने की हर इबादत कर रहे हैं। रिहाई और कोरोना से निजात की दुआएं कर रहे हैं। रोजा रखने वाले कैदियाें के लिए जेल प्रशासन ने अलग व्यवस्था कर रखी है।
रांची, जासं । रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद 400 से ज्यादा कैदी भी रोजा रख रहे हैं। रमजान महीने की हर इबादत कर रहे हैं। रिहाई और कोरोना से निजात की दुआएं कर रहे हैं। रोजा रखने वाले कैदियाें के लिए जेल प्रशासन ने अलग व्यवस्था कर रखी है। कैदी सेहरी के लिए रात के दो बजे ही उठ जाते हैं। तय समय पर इफ्तार भी करते हैं। फिजिकल डिस्टेंसिंग मेंटेन कर हर इबादत कर रहे। जोहर, असर, मगरिब, ईशा, तरावीह की नमाज सभी अपने-अपने वार्ड में कर रहे हैं। इसके अलावा एक धार्मिक स्थल पर भी कुछ लोग फिजिकल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए इबादत कर रहे हैं। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद 400 से ज्यादा कैदी रोजा रख रहे हैं।
जेल प्रशासन अलग से उपलब्ध करा रहा फल-खजूर
जेल में बंद कैदियों के लिए रमजान के महीने में फल भेजा जाता था। लेकिन इस बार लॉकडाउन और डेली मार्केट फल मंडी बंद रहने की वजी से फल नहीं पहुंच रहा। इस परिस्थिति में जेल प्रशासन खुद फल और खजूर की व्यवस्था कर रहा है। जेल प्रशासन के इस सहयोग से कैदियाें के लिए सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराई गई है। अलग-अलग किचन में सेहरी और इफ्तारी की व्यवस्था में कैदी जुटे हैं। प्रशासन के सहयोग से खुद खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं।
सभी धर्म के लोग एक दूसरे का करते सहयोग
जेल प्रशासन के अनुसार जेल में सभी धर्मों के लोग एक दूसरे का सहयोग करते हैं। पूजा से लेकर इबादत के लिए सभी मिलकर व्यवस्था बनाते हैं। नवरात्र हो या रमजान सभी मिल-जुलकर व्यवस्था में लग जाते हैं। जेल के अधिकारी सभी पर्व मनवाने के लिए अलग व्यवस्था करते हैं। जेल में ईद के अलावा, होली, दीवाली सहित सभी प्रमुख त्यौहार मिलकर मनाते हैं।