नेतरहाट विद्यालय : 65 साल का हुआ ब्रांड नेतरहाट, सेलिब्रेट करने देश-विदेश से पहुंचे 40 पूर्ववर्ती छात्र
नेतरहाट आवासीय विद्यालय के 1968 बैच के पूर्ववर्ती छात्र अपने बैच के गोल्डन जुबली मनाने तीन-चार दिनों पहले से ही नेतरहाट पहुंचने लगे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। कोई संस्था या संगठन अपने 50 साल पूरे होने पर गोल्डन जुबली तो मनाता ही है। झारखंड का सबसे प्रतिष्ठित नेतरहाट आवासीय विद्यालय के प्रत्येक बैच के पूर्ववर्ती छात्र अपने बैच का गोल्डन जुबली मनाते हैं। प्रत्येक साल यह गोल्डन जुबली स्कूल के स्थापना दिवस पर 15 नवंबर को मनाया जाता है। इस बार भी यह आयोजन भव्य तरीके से हो रहा है, जिसमें 1968 बैच का गोल्डन जुबली मनेगा।
विद्यालय के 1968 बैच के पूर्ववर्ती छात्र अपने बैच के गोल्डन जुबली मनाने तीन-चार दिनों पहले से ही नेतरहाट पहुंचने लगे हैं। अमेरिका तथा यूके मे रह रहे पूर्ववर्ती छात्र इस समारोह में भाग लेने पहुंचे हैं। इस अवसर पर लगभग 44-45 वर्ष बाद कई पूर्ववर्ती छात्र एक-दूसरे से मिल पाएंगे। चिकित्सक कुमार रजनीश अपने बच्चों के साथ नेतरहाट पहुंचे हैं। स्कूल को भव्य तरीके से सजाया गया है। फेसबुक पर फोटो भी अभी से ही शेयर किए जाने लगे हैं। स्कूल दिवस कार्यक्रम में पद्मश्री अशोक भगत मुख्य अतिथि होंगे।
2005 से शुरू हुई परंपरा : विद्यालय के 1962 बैच के पूर्ववर्ती छात्र रहे केदार लाल दास बैच के गोल्डन जुबली मनाने के उद्देश्य की चर्चा करते हुए कहते हैं कि स्कूल के स्थापना दिवस के अवसर पर गिने-चुने पूर्ववर्ती छात्र ही इस अवसर पर जुटते थे। तत्कालीन प्राचार्य विनोद कर्ण की पहल पर वर्ष-2005 में नोबा (नेतरहाट स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों का संगठन) की आमसभा में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष विद्यालय स्थापना दिवस के अवसर पर ही 50 वर्ष पूरे करने वाले बैच का गोल्डन जुबली मनाया जाए। इससे न केवल कई साल बाद लोग एक-दूसरे से मिलकर अपने करियर, अनुभव आदि को शेयर करते हैं, बल्कि छात्र हित में स्कूल के विकास पर भी मंथन करते हैं और सहयोग प्रदान करते हैं।
पूर्ववर्ती छात्र तथा नेतरहाट विद्यालय प्रबंध समिति की राज्य कार्यकारिणी के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र भगत के अनुसार, 15 नवंबर को स्कूल दिवस पर यह आयोजन होता है, जबकि अगले दिन 16 नवंबर को नोबा दिवस मनाया जाता है। पूर्ववर्ती छात्र तथा समिति के पूर्व ओएसडी रहे प्रयाग दुबे भी इसे अलग ढंग का कार्यक्रम बताते हैं।