झारखंड में सलाखों के पीछे खून सने 27 हाथ बन गए हुनरमंद, जानकर रह जाएंगे हैरान

झारखंड की राजधानी रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में 27 कैदियों ने बुधवार को दी सहायक इलेक्ट्रिशियन की परीक्षा। इन सभी ने छह महीने का लिया था प्रशिक्षण। स्किल डेवलपमेंट काउंसिल ने किया था इस परीक्षा का आयोजन। ये कैदी अब हुनरमंद बन गए हैं।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:02 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:02 PM (IST)
झारखंड में सलाखों के पीछे खून सने 27 हाथ बन गए हुनरमंद, जानकर रह जाएंगे हैरान
जेल में प्रश‍िक्षण पाने के बाद हुनरमंद बने सजा काट रहे कैदी।

राज्य ब्यूरो, रांची : सलाखों के भीतर कैदी अपने हुनर को तराश रहे हैं। इसका उद्देश्य भी सकारात्मक है, कि सजायाफ्ता जब सजा काटकर जेल से बाहर निकलें तो वे अपनी हुनर की बदौलत आत्मनिर्भर बन सकें। इससे यह होगा कि उनके करियर में बेरोजगारी बाधक नहीं बनेगी और वे अपराध का रास्ता छोड़कर मेहनत की कमाई खाएंगे। रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में पढ़ाई-लिखाई से लेकर व्यवसायिक प्रशिक्षण सालोभर चलता है। इन्हीं प्रशिक्षण में स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के माध्यम से 27 सजायाफ्ता कैदियों को सहायक इलेक्ट्रिशियन के लिए छह महीने का प्रशिक्षण दिलाया गया था। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद बुधवार को उनकी परीक्षा हुई, जिसमें सभी 27 सजायाफ्ता कैदी शामिल हुए। स्किल डेवलपमेंट काउंसिल ने ही उक्त परीक्षा आयोजित की थी।

इन 27 कैदियों ने दी सहायक इलेक्ट्रिशियन की परीक्षा

संग्राम मुंडरी, सिकंदर सिंह, मुकेश कुमार ओझा, रोजिंग भेंगरा, शिव प्रसाद साहू, मनीष दंग, रवि झा, प्रकाश बागे, सुकर उरांव, सुरेंद्र सिंह, प्रदीप कुमार यादव, माओसिन गद्दी, लखिराम मुंडा, प्रेमदान कुजूर, चरकू उरांव, अमिर कुमार, सुरेश नगेशिया, संजय यादव, मंगरा टोप्पो, अनूप अजय तिर्की, चमरा उरांव, ओमप्रकाश वर्मा, अनिल उरांव, कंचन मुंडा, रुपेश चौधरी, सामुएल भेंगरा व रमेश महली।

द्वितीय फेज में 50 कैदियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के काराधीक्षक हामिद अख्तर ने बताया कि पहले फेज में 27 कैदियों को सहायक इलेक्ट्रिशियन का प्रशिक्षण दिलाया गया था। द्वितीय फेज में 50 कैदियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें केवल सजायाफ्ता कैदियों का ही चयन नहीं होगा, बल्कि वैसे विचाराधीन कैदियों का भी चयन होगा, जिनका जमानत न्यायालय ने अस्वीकृत कर दिया है। उम्मीद है कि जनवरी से सभी 50 कैदियों के लिए सहायक इलेक्ट्रिशियन का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।

उच्च गुणवत्ता का दिया जा रहा है प्रशिक्षण

जेल में सहायक इलेक्ट्रिशियन के लिए छह महीने तक जो प्रशिक्षण दिया गया है, वह उच्च गुणवत्ता का है। प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त उपकरण दिए जा रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद व्यवहार में किन उपकरणों की जरूरत होगी, क्या सावधानी बरतनी होगी, इसके बारे में भी विस्तार से बताया जा रहा है।

सजायाफ्ता कैदियों को उनकी इच्छा के अनुसार दिया जा रहा है प्रशिक्षण

राज्य के सभी केंद्रीय काराओं में उम्रकैद व सश्रम कारावास की सजा काट रहे कैदियों को उनकी इच्छा व हुनर के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जेलों में फिनाइल, डिटर्जेंट पाउडर, साबुन, नहाने का साबुन, कंबल, कपड़ा, कैदियों के लिए कपड़ा, चादर, सरकारी दफ्तरों की फाइलें आदि तैयार की जाती हैं। कैदियों को उनकी इच्छा के अनुसार शिक्षा की भी व्यवस्था है। यहां मैट्रिक, इंटर, स्नातक, स्नातकोत्तर की पढ़ाई के अलावा व्यावहारिक प्रशिक्षण आदि भी दिया जा रहा है।

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