विदेश से आनेवाले यात्रियों के लिए सदर अस्पताल में 20 बेड का आइसोलशन वार्ड तैयार

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान को देखते हुए अस्पतालों में व्यवस्था को ठीक किया है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:00 AM (IST)
विदेश से आनेवाले यात्रियों के लिए सदर अस्पताल में 20 बेड का आइसोलशन वार्ड तैयार
विदेश से आनेवाले यात्रियों के लिए सदर अस्पताल में 20 बेड का आइसोलशन वार्ड तैयार

अनुज तिवारी, रांची : कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान को देखते हुए अस्पतालों में व्यवस्था को दुरुस्त की जा रही है। रांची सदर अस्पताल के चौथे तल्ले पर 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड खोला गया है। यहां पर विदेश से आने वाले यात्रियों की सुरक्षा व जांच के लिए यह व्यवस्था की गई है। कोरोना के लक्षण वाले विदेशी यात्रियों को जरूरत पड़ने पर प्रशासन द्वारा यहीं रखा जाएगा। यहां लगातार डाक्टरों की निगरानी रहेगी। अभी रिम्स में 100 बेड बनकर तैयार हैं जबकि आक्सीजन सिलेंडर के लिए भी कवायद की जा रही है। दूसरी ओर, नए आक्सीजन प्लांट से सप्लाई की भी व्यवस्था की गई है।

इधर, विदेश से कनेक्टिग फ्लाइट के माध्यम से रांची पहुंचने वाले यात्रियों की कोविड जांच हुई। शुक्रवार को 35 विदेशी यात्री रांची पहुंचे, इन सभी के पास कोविड टेस्ट रिपोर्ट थी। इसके बावजूद दिशा-निर्देशानुसार इनकी कोविड जांच करायी गई। इन सभी के पासपार्ट के आधार पर उनकी ट्रेवल हिस्ट्री खंगाली गई और रिकार्ड भी रखा गया है। एयरपोर्ट अथारिटी के अनुसार, गाइडलाइन के अनुसार विदेशी यात्रियों की जांच की जा रही है।

नए वैरिएंट को लेकर सभी जगह अलर्ट : कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर सभी जगहों पर अलर्ट जारी किया गया है। इस संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों से लेकर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन में तैयारी बढ़ा दी गई है। रेलवे स्टेशन आने वाले यात्री अब बिना जांच कराए नहीं जा सकेंगे। हटिया रेलवे स्टेशन में यात्रियों की जांच करने के लिए बेरिकेडिग की गई है। स्टेशन से बाहर निकलने वाले यात्री अब पूरी जांच प्रक्रिया के बाहर नहीं निकल सकेंगे। प्लेटफॉर्म नंबर एक से लेकर बाहर तक बेरिकैडिग बढ़ा दी गई है। साथ ही मुख्य द्वार के पास बेरिकेडिग को ऊंचा भी किया गया है। सख्ती का ही असर है कि शुक्रवार को दिन के 12 बजे तक करीब 2200 लोगों की कोविड टेस्ट कराया गया। जबकि अन्य दिनों में औसतन 1500 के करीब जांच होती रही है। दूसरी ओर रांची रेलवे स्टेशन में भी नए वैरिएंट को लेकर जांच दल को एक्टिव रहने को कहा गया है।

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कुछ समय पहले तक बरती जा रही थी लापरवाही : पिछली कई बार यह देखा गया है कि यात्री मौका देखकर जांच कराए बगैर स्टेशन से निकल गए थे। साथ ही फर्जी मोबाइल नंबर भी गए हैं, जिसे आज तक ट्रेस ही नहीं किया जा सका है। इस समस्या के बाद भी सिविल सर्जन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। एयरपोर्ट पर जांच दल के साथ नहीं है सुरक्षाकर्मी, उलझ रहे हैं यात्री : एयरपोर्ट पर तैनात जांच दल के साथ एक भी सुरक्षाकर्मी मुहैया नहीं कराने की वजह से हर दिन स्वास्थ्य कर्मियों के साथ यात्री उलझते हैं। यात्रियों को एयरपोर्ट पर आने के बाद स्वास्थ्य कर्मी उनका आरटीपीसीआर रिपोर्ट, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और पासपोर्ट या आइडी चेक करते हैं। विदेश से आने वाले यात्रियों से कोई समस्या नहीं होती लेकिन डोमेस्टिक यात्रियों से जब कागजात मांगा जाता है तो वे उलझ जाते हैं। एयरपोर्ट पर तैनात मजिस्ट्रेट देवी प्रसाद मुखर्जी बताते हैं कि बिना सुरक्षाकर्मियों का काम करना मुश्किल हो गया है। अधिकतर यात्री इस तरह से बहस करते हैं कि जांच में समस्या हो जाती है। कई बार तो स्वास्थ्य कर्मियों को धक्का देकर आगे निकल जाते हैं। कई बार सुरक्षाकर्मी मुहैया कराने को लेकर आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस के जवान मिल जाते हैं तो उन्हें जांच कराने में काफी सहुलियत होगी। प्रशासन के सहयोग से यात्री आसानी से कोविड जांच भी करवाएंगे। वैक्सीन की सिर्फ पहली डोज ली है तो करवाना होगा कोविड टेस्ट : कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लेने वालों को अब एयरपोर्ट में कोविड टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा। विदेश से आने वाले यात्रियों का कोविड टेस्ट भी कराया जा रहा है। साथ ही उनकी पूरी जानकारी व ट्रेवल हिस्ट्री भी ली जाएगी। मजिस्ट्रेट देवी प्रसाद बताते हैं कि विदेश से आने वाले यात्रियों के पास दो-दो आरटीपीसीआर रिपोर्ट हैं, साथ सेल्फ डिक्लेरेशन रिपोर्ट भी है, लेकिन दूसरे राज्यों से आने वाले बहुतों के पास कोई प्रमाण पत्र ही नहीं है। पहली डोज लेने वालों की जांच करायी जा रही है, जबकि दोनों डोज लेने वालों को भेज दिया जा रहा है। क्या कहते हैं सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डा. विनोद कुमार का कहना है कि जांच दल लगातार यात्रियों की जांच में लगे हुए हैं। स्टेशनों में टीम पूरी व्यवस्था के साथ जुटी हुई है। रांची स्टेशन में बैरिकेडिग की पहले से ही पुरानी व्यवस्था है जिसे दुरुस्त करने की जरूरत है। अगर व्यवस्था दुरुस्त होती है तो यहां से जांच के नाम पर यात्रियों को भागने का समय नहीं मिल पाएगा।

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