वन स्टॉप सेंटर में पांच साल में दर्ज हुए 164 मामले, अब भी है जागरूकता की कमी

अपने स्थापना के पांच साल के अंदर कांके के रिनपास स्थित वन स्टॉप सेंटर 164 मामले दर्ज हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 08:35 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 08:35 AM (IST)
वन स्टॉप सेंटर में पांच साल में दर्ज हुए 164 मामले, अब भी है जागरूकता की कमी
वन स्टॉप सेंटर में पांच साल में दर्ज हुए 164 मामले, अब भी है जागरूकता की कमी

श्रद्धा छेत्री, रांची : अपने स्थापना के पांच साल के अंदर कांके के रिनपास स्थित वन स्टॉप सेंटर में कुल 164 मामले दर्ज किए गए। इनमें घरेलू हिसा, मानसिक प्रताड़ना, दहेज उत्पीड़न, छेड़खानी, दुष्कर्म, पॉक्सो के तहत आने वाले अन्य मामले शामिल हैं। 2016 में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना की गई थी। पिछले वर्ष अप्रैल माह से लेकर दिसंबर तक 21 मामले सेंटर में आए, वहीं इस वर्ष जनवरी से 16 अक्टूबर तक 39 मामले दर्ज हुए। दर्ज मामलों में ज्यादातर घरेलू हिसा के ही रहे। हालांकि जागरूकता की कमी होने से अब भी इस सेंटर के बारे में पीड़ित महिलाओं को पता नहीं चल पाता।

वन स्टॉप सेंटर की केस वर्कर अनीता कुमारी ने बताया कि सेंटर खुलने की शुरुआत में काफी संख्या में महिलाएं यहां मदद के लिए आतीं थीं। क्योंकि उस समय सेंटर का प्रचार-प्रसार भी जोरों से हुआ था। लेकिन समय के साथ मामले कम आने लगे। काफी लोगों को अब भी वन स्टॉप सेंटर के बारे में पता नहीं है। ऐसे में प्रबंधन द्वारा शहर के सभी थानों में होर्डिंग लगाने की बात चल रही है। साथ ही थाना प्रभारियों से भी मामले की जानकारी सेंटर पर देने की बात कही जा रही है। ऐसे ले सकती हैं लाभ

-कोई भी पीड़ित महिला इस सेंटर पर महिला हेल्पलाइन के माध्यम से, या किसी के साथ या खुद अकेले भी जा कर मदद ले सकती हैं।

सेंटर पर महिला कांस्टेबल द्वारा आवेदन लिया जाता है। इसके बाद केस वर्कर द्वारा पीड़िता का केस रजिस्टर कर मामले की जांच की जाती है। जरूरत पड़ने पर महिला की काउंसिलिग भी की जाती है।

यदि कोई ऐसा मामला आए जहां पीड़िता को रहने खाने की दिक्कत हो ऐसे में सेंटर द्वारा महिला को कम से कम 5 दिनों के लिए आश्रय दिया जाता है। इसके बाद उसे किसी और आश्रय में भेजा जाता है जहां महिला की देख-भाल की जा सके। नियमित स्टाफ को रखने की हो रही है तैयारी

वन स्टॉप सेंटर की एडमिन व सीडीपीओ मालती पुष्पा ने बताया कि इस वर्ष मामलों में वृद्धि हुई है। हमने रांची के 42 थानों से बात की है। बताया है कि अगर कोई मामला आता है तो हमें रेफर किया जाए। कुछ मामले महिला हेल्पलाइन के माध्यम से भी आते हैं। किसी महिला को वकील की जरूरत पड़ने पर उन्हें लीगल मदद की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन रेगुलर स्टाफ न होने की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही है। नए रेगुलर स्टाफ के लिए स्क्रूटनी हो गई है। जल्द ही इस सेंटर को और ज्यादा स्टाफ मिलेंगे। डालसा से एक लीगल एडवाइजर की भी मांग की गई है। चार केस डालसा को सौंपे गए

: दर्ज 39 शिकायतों में चार केस डालसा को सौंपे गए हैं। दो केस लंबित चल रहे हैं। बाकी मामलों का वन स्टाप सेंटर ने अपने स्तर से निस्तारण कर दिया है। सेंटर में एक महिला कांस्टेबल व 2 महिला स्टाफ तथा एक केस वर्कर है। पहले इस सेंटर को रिनपास द्वारा संचालित किया जाता था। अब इसे डीएसडब्लू द्वारा संचालित किया जा रहा है। ऐसी आती हैं शिकायतें

दुष्कर्म, घरेलू हिसा, दहेज उत्पीड़न, इव टीजिग, मानसिक रूप से प्रताड़ना आदि। इसकी है जरूरत

जगह-जगह पर होर्डिंग लगाकर व स्कूल, कॉलेज में ओरिएंटेशन प्रोग्राम के माध्यम से वन स्टॉप सेंटर के बारे में दी जाए जानकारी

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