Jharkhand Migrant Labours: ओडिशा से बंगाल जा रहे थे 150 प्रवासी श्रमिक, ओरमांझी में रोककर बस खींच ले गया फाइनेंसर

Jharkhand Migrant Labours ओडिशा से बंगाल जा रही एक बस को ओरमांझी में रोक कर सभी सवारियों को उतार दिया गया। उक्त बस में सवार सभी प्रवासी श्रमिक थे। बस को फाइनेंसर ने किस्त नहीं जमा करने पर सीज कर लिया।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 03:14 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 03:14 PM (IST)
Jharkhand Migrant Labours: ओडिशा से बंगाल जा रहे थे 150 प्रवासी श्रमिक, ओरमांझी में रोककर बस खींच ले गया फाइनेंसर
ओडिशा से बंगाल जा रही एक बस को रोककर ओरमांझी में सवारियों को उतार दिया गया।

ओरमांझी(रांची), जासं। ओडिशा से बंगाल जा रही एक बस को ओरमांझी में रोक कर सभी सवारियों को उतार दिया गया। उक्त बस में सवार सभी प्रवासी श्रमिक थे। बस को फाइनेंसर ने किस्त नहीं जमा करने पर सीज कर लिया था। नीचे उतरने के बाद श्रमिकों ने हंगामा किया। सूचना मिलने पर ओरमांझी थाना पुलिस पहुंची और मामले की जानकारी ली। बताया गया कि जगकाली नामक बस ओआर 22डी-5454 में 150 प्रवासी श्रमिक संबलपुर ओडिशा से मुर्शीदाबाद बंगाल जा रहे थे।

एनएच-20 फोरलेन में लक्ष्मी फाइबर्स सूत मिल ओरमांझी के पास एक सूमो (टाटा गोल्ड) जेएच0बीएम-6995 पर सवार लोगों ने बस को रोका और उसमें सवार सभी प्रवासी श्रमिकों को जबरन बस से उतार दिया। फिर वे लोग बस लेकर निकल गए। बस ले जाने का श्रमिकों ने विरोध भी किया। लेकिन, वे नहीं माने। उनलोगों ने श्रमिकों को समझाया कि दूसरी बस भेज देंगे और बस साथ लाने के लिए साथ में चार श्रमिकों को भी साथ ले गए। बाद में श्रमिकों को आभास हुआ कि हंगामा को सांत करने के लिए फाइनेंसर ने चाल चली है।

फाइनेंसर ने किया था बस सीज

साथ ले गए श्रमिकों के पहुंचने पर टाटा सूमो व उसमें सवार लोगों को श्रमिकों ने घेर लिया और हंगामा करने लगे। हंगामे की सूचना पर पहुंची ओरमांझी थाना पुलिस ने मामले को शांत कराया। बताया गया कि उक्त बस फाइनेंस पर ली गई थी। फाइनेंस कंपनी चोला मंडलम ने फाइनेंस किया था और 35 हजार की सात किस्त जमा नहीं की गई थी। साथ ही बस को दो बार बिक्री भी कर दी थी। लगभग दो लाख रुपये वसूल करने के लिए कंपनी के सीजर द्वारा उक्त कार्रवाई की गई थी। इसकी जानकारी देते हुए ओरमांझी थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि कि कंपनी के लोगों से फिर से बस मंगवा कर श्रमिकों को भिजवा दिया गया है।

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