New MV Act 2019: झारखंड में 1200 पेट्रोल पंप, प्रदूषण जांच केंद्र सिर्फ 110 पर; Pollution Certificate के लिए मारामारी

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलना अनिवार्य है। लेकिन झारखंड में 1200 पेट्रोल पंपों में से मात्र 110 पर ही प्रदूषण जांच केंद्र खुले हैं।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 10:27 AM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 10:27 AM (IST)
New MV Act 2019: झारखंड में 1200 पेट्रोल पंप, प्रदूषण जांच केंद्र सिर्फ 110 पर; Pollution Certificate के लिए मारामारी
New MV Act 2019: झारखंड में 1200 पेट्रोल पंप, प्रदूषण जांच केंद्र सिर्फ 110 पर; Pollution Certificate के लिए मारामारी

रांची, [शक्ति सिंह]। मोटरयान अधिनियम (संशोधित) 2019 के तहत वाहनों का प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं रखने पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है। लेकिन, राज्य में प्रमाणपत्र देने वाले सेंटरों की संख्या ही काफी कम है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सभी पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र खोलना अनिवार्य है। लेकिन, झारखंड में 1200 पेट्रोल पंपों में से मात्र 110 पर ही प्रदूषण जांच केंद्र खुले हुए हैं। न्यायालय के निर्देश के बाद भी राज्य के अधिकतर पेट्रोलपंप मालिक सेंटर खोलने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। हालांकि, इस मामले को परिवहन विभाग ने गंभीरता से लिया है। पेट्रोल पंपों पर इसकी संख्या बढ़ाने को कहा है।

विभाग ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि केंद्रों की स्थापना और नवीनीकरण से संबंधित लंबित आवेदनों का त्वरित निष्पादन करें। इसके लिए प्रमंडलवार पांच सहायक प्रशाखा पदाधिकारियों के बीच कार्य का आवंटन किया गया है। यही नहीं, पेट्रोल पंपों पर निजी प्रदूषण जांच केंद्र स्थापना में विलंब होने के कारण विभागीय सचिव द्वारा जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) व सभी मोटरयान निरीक्षकों (एमवीआइ) के वेतन रोकने संबंधी निर्देश दिए गए हैं।

प्रदूषण जांच केंद्रों को ऑनलाइन करेगा विभाग

प्रदूषण केंद्रों द्वारा दिन में कितने सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं, इस पर निगरानी रखने के लिए विभाग केंद्रों को वाहन सॉफ्टवेयर से जोड़कर ऑनलाइन करेगा। इस कार्य को एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाएगा। ऑनलाइन होने से इसकी पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। इससे केंद्रों की स्थापना और नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकेगा। इससे पेट्रोल व डीजल वाहनों का ऑनलाइन प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र भी निर्गत किया जा सकता है। एमवीआइ और डीटीओ नियमित अंतराल पर केंद्रों का औचक निरीक्षण कर मौजूदा व्यवस्था हाल ले सकते हैं।

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