पतरातू डैम का जलस्तर बढ़ा, प्रबंधन ने जारी किया अलर्ट

-1326 आरएल पर पहुंचा पतरातू डैम का जलस्तर बारिश का असर डैम के बढ़ते जलस्तर और बहाव

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 08:34 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 08:34 PM (IST)
पतरातू डैम का जलस्तर बढ़ा, प्रबंधन ने जारी किया अलर्ट
पतरातू डैम का जलस्तर बढ़ा, प्रबंधन ने जारी किया अलर्ट

-1326 आरएल पर पहुंचा पतरातू डैम का जलस्तर, बारिश का असर डैम के बढ़ते जलस्तर और बहाव पर प्रशासन की है नजर संवाद सूत्र, पतरातु थर्मल (रामगढ़) : पतरातु के नलकारी डैम का जलस्तर अपने अधिकतम जल भंडारण क्षमता के करीब पहुंच चुका है। मंगलवार को पतरातू डैम का जलस्तर 1326 आरएल को पार कर गया। इसके बाद पीटीपीएस शेष परिसंपत्ति प्रबंधन ने अलर्ट जारी करते हुए जिला उपायुक्त समेत सभी संबंधित पदाधिकारियों को पत्र जारी कर इसकी सूचना दी। हालांकि पतरातू डैम निर्माण काल में इसके जल भंडारण क्षमता को 1332.5 आरएल रखा गया था। परंतु डैम का बांध लगभग छह दशक पुराना होने के कारण इसके भंडारण क्षमता को घटा दिया गया है। शेष परिसंपत्ति के संपदा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि अधिकारियों को सूचना देने के बाद प्रबंधन लगातार पतरातू डैम के जलस्तर के साथ-साथ डैम के मुख्य जल स्त्रोत नलकारी नदी में पानी के बहाव पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग द्वारा अगले दो-तीन दिनों में भारी बारिश के संकेत दिए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में पतरातू डैम के जलस्तर को सामान्य रखने के लिए कभी भी खोला जा सकता है। फाटक खोले जाने से पूर्व जिला प्रशासन द्वारा पतरातू डैम से नलकारी नदी में पानी छोड़ने की स्थिति में इसके तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया जाता है। ताकि अचानक से नदी का बहाव तेज होने के कारण जान माल के नुकसान से बचा जा सके। वर्ष 2017 में खोले गए थे सारे फाटक पांच अगस्त 2017 के प्रात: का वह भयानक मंजर पतरातू डैम के इतिहास में शायद पहली बार देखा गया था। पतरातू डैम का जलस्तर एक फीट प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा था। पीटीपीएस शेष परिसंपत्ति प्रबंधन ने पहले से अलर्ट जारी कर रखा था। देखते ही देखते पतरातू डैम के सारे आठों फाटक खोलने पड़े। पूरे जिले में बाढ़ सा माहौल तैयार हो गया था। जिसे देखते हुए तत्कालीन जिला उपायुक्त ने शेष परिसंपत्ति के संपदा पदाधिकारी से बात कर फाटक को बंद करने को कहा। परंतु ऐसा करना संभव नहीं था कुछ घंटों के बाद डैम के दो फाटक को बंद किया गया। संपदा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि उस दौरान डेढ़ लाख क्यूसेक पानी प्रति घंटा की रफ्तार से छोड़ा जा रहा था।

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