वन भूमि पर अवैध कब्जा कराने वालों पर गिर सकती है गाज

-मांडू अंचल अंतर्गत अवैध-संदेहात्मक जमाबंदी के कुल 1502 मामले हैं चिह्नित संवाद सहयोगी रामगढ़

By JagranEdited By: Publish:Tue, 16 Mar 2021 09:35 PM (IST) Updated:Tue, 16 Mar 2021 09:35 PM (IST)
वन भूमि पर अवैध कब्जा कराने वालों पर गिर सकती है गाज
वन भूमि पर अवैध कब्जा कराने वालों पर गिर सकती है गाज

-मांडू अंचल अंतर्गत अवैध-संदेहात्मक जमाबंदी के कुल 1502 मामले हैं चिह्नित

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : वन भूमि पर कब्जा कराने वाले मांडू प्रखंड के संबंधित अंचलाधिकारियों पर गाज गिर सकती है। वैसे तो जिले में करीब 87 सौ मामले चिह्नित किए गए हैं। सभी के विरुद्ध फोर एच की कार्रवाई चल रही है। वर्तमान में मांडू प्रखंड के 1502 चिह्नित मामले को लेकर जिला प्रशासन सजग हुआ है। उपायुक्त संदीप सिंह ने जिला अंतर्गत मांडू अंचल के गैरमजरूआ, जंगल-झाड़ी, अधिसूचित वन भूमि एवं अन्य सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से जमाबंदी कायम कराने वाले अंचल अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर सरकार के राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव को कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। डीसी ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि में किसी प्रकार की कायम जमाबंदी पूर्णत: अवैध है। अन्य गैरमजरूआ भूमि पर कायम लगभग सभी जमाबंदियां बिना सक्षम प्राधिकार की अनुमति के कायम की गई हैं। कुछ मामलों में पूर्व से गैरमजरूआ, जंगल झाड़ी भूमि की जमाबंदी के आधार पर पूर्व के जमाबंदी रैयत से खरीद कर दाखिल-खारिज करते जमाबंदी कायम की गई है। जो कि गैरमजरूआ भूमि के किसी भी प्रकार के क्रय-विक्रय, हस्तांतरण के विपरीत है। रउता में जमाबंदी के मामलों में चिह्नित अंचलाधिकारियों द्वारा बिना सक्षम प्राधिकार की अनुमति के अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर जमाबंदी करने का कृत किया गया है, इसके लिए वे समुचित कार्रवाई के लिए उत्तरदायी हैं।विभागीय सचिव को भेजे गए पत्र में उपायुक्त संदीप सिंह ने उल्लेख किया है कि राजस्व विभाग के कार्याें की समीक्षा के क्रम में अवैध व संदेहातमक जमाबंदी के मामले में बीएलआर एक्ट 1950 की धारा 4 एच के तहत चिह्नित कर कार्रवाई किए जा रहे मामलों की समीक्षा की गई। वर्तमान में मांडू अंचल अंचल अंतर्गत अवैध संदेहात्मक जमाबंदी के कुल 1502 मामले चिह्नित हैं। समीक्षा में यह बात सामने आई कि मांडू अंचल के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से कोयला खनन क्षेत्रों में गैरमजरूआ भूमि, जंगल-झाड़ी भूमि व अधिसूचित वन क्षेत्र की भूमि की भूमि पर समय-समय पर अंचल अधिकारियों व अंचल कर्मियों द्वारा जमाबंदी कायम की गई है। शहर से सटे मौजा रउता जहां काफी बड़ा क्षेत्र अधिसूचित वन भूमि तथा कई औद्योगिक उपक्रम अवस्थित रहने के कारण उक्त मौजा में कायम जमाबंदी की जांच के लिए जिला स्तर पर अपर समाहर्ता की अध्यक्षता में एसडीओ रामगढ़ व सीओ मांडू के साथ जांच टीम का गठन किया गया। टीम की ओर से दी गई रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मांडू अंचल में पदस्थापित विभिन्न अंचल अधिकारियों के समय कायम हुई है। इस जमाबंदी को कायम करन में कई अनियमितता सामने आई है।

chat bot
आपका साथी