पॉलिथीन को लेकर जिला प्रशासन नहीं हैं सजग
दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ जिलेभर में जानलेवा पॉलिथीन का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जबि
दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : जिलेभर में जानलेवा पॉलिथीन का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है। जबकि यह इंसानों के साथ पर्यावरण, पशु-पक्षियों के लिए भी उतना ही खतरनाक बताया गया है। झारखंड प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का आदेश भी जिला प्रशासन को प्रतिबंधित पॉलिथीन के रोकथाम के लिए दिया गया है पूर्व में उसके बाद भी जिला प्रशासन पूरी तरह सजग नहीं हो पाया है। प्रतिबंधित होने के बाद भी बड़े पैमाने पर पॉलीथिन का इस्तेमाल जिले भर में हो रहा है। जबकि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सभी जिला के उपायुक्त को पूर्व में पॉलिथीन पर रोक के आदेश दे चुका है, जिसमें कहा है कि 50 माइक्रोन से ज्यादा का पॉलीथिन का उपयोग करने की बात कही गई थी। बोर्ड के आदेश के बाद जिला प्रशासन सहित शहर के छावनी परिषद के अधिकारी पॉलिथीन के रोकथाम के रेस होकर अभियान भी चलाया था। छावनी परिषद ने यह एलान किया था कि पॉलिथीन मुक्त शहर होगा। कुछ दिनों तक दुकानदारों व पॉलिथीन का उपयोग करने वालों पर भय पैदा करने के उद्देश्य से छापेमारी अभियान भी चलाया गया था। जुर्माना भी लगाया गया, परंतु यह अभियान ढाक के तीन पात की तरह टाय-टाय फिस हो गई।
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कहते हैं चिकित्सक
सदर अस्पताल के डा. विवेक कुमार ने कहा कि पॉलिथीन एक तरह से जानलेवा है। यह कितनी आसानी से लोगों को मिल जाती है। यह इंसानों के साथ-साथ पर्यावरण व पशु, पक्षियों के लिए भी बहुत ही हानिकारक है। आने वाले समय में पर्यावरण इससे पूरी तरह से चौपट हो जाएगा। पॉलीथिन का उपयोग हर हाल में बंद होना चाहिए। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है।
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पॉलिथीन में होता है पॉलीइथिलीन
रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले लोगों को शायद यह जानकारी नहीं है कि पॉलिथीन में पॉलीइथिलीन होता है। इसकी यानी की पॉलीइथिलीन की आयु लंबी होती है। यह जल्दी गलता भी नहीं है। इस कारण यह और खतरनाक हो जाता है।
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जलाने के बाद गैस होता है जहरीला
पॉलिथीन को अगर जलाया जाए तो यह और भी खतरनाक और हानिकारक होता है। जलाने के बाद जो धुंआ उठता है वह काफी जहरीला होता है। इसका उपयोग होने के बाद दोबारा निर्माण करने वह जितनी बार उपयोग में लाया जाए वह उतना ही खतरनाक होता जाता है।