एमएसपी को लागू करे झारखंड सरकार : विनोद सिंह
संवाद सूत्र गिद्दी (रामगढ़) भाकपा माले राज्य स्थायी कमेटी और मान्यता प्राप्त जिला कमेटी सचिवों
संवाद सूत्र, गिद्दी (रामगढ़) : भाकपा माले राज्य स्थायी कमेटी और मान्यता प्राप्त जिला कमेटी सचिवों की दो दिवसीय बैठक रविवार को हेसालौंग में शुरू हुई। शुरूआत दिवंगत साथियों को एक मिनट का मौन रखकर किया गया। जबकि राज्य सचिव मनोज भगत ने पहले दिन चर्चा होने वाले विषयों की रिपोर्टिंग रखी। बगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि आजादी के 75 साल के पहले कई आंदोलन हुए है। परंतु तीन कृषि कानून के विरोध में एक साल तक हुए किसान आंदोलन ने सरकार को झुकने को मजबूर कर दिया गया। जो एक किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत के रूप् में देखा जाएगा। कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को निजी मालिकों के हाथों में देने के लिए आमादा हैं। केंद्र सरकार की किसान व मजदूर विरोधी नीति से जहां लोगों को नौकरी तो मिलना दूर हो गया है। वहीं लोगों को रोजगार से भी वंचित कर रही है। झारखंड की सरकार इस वर्ष नियुक्ति वर्ष का दावा कर रही है। यह सरकार जिस वादा के साथ सत्ता में आई थी। उसपर अमल नहीं कर रही है। राज्य के लोगों को इस वर्ष नियुक्ति तो दूर नियुक्ति रद व परीक्षा रद होने के रूप में जाना जा रहा है। सरकार राज्य से नियुक्ति चालू करने और अनुबंध कर्मियों की मांग पूरा करने तथा जो गड़बड़िया है उसे ठीक करने को कहा। उन्होंने राज्य सरकार से राज्य में एमएसपी लागु कर फसलों के क्रय का मूल बढ़ाने व समय पर पैक्स को खोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार सरकार आपके द्वार के नाम पर पंचायत चुनाव को टाल रखी है। सरकार आपके द्वार में जो आवेदन ले रही है। उस पर त्वरित कार्रवाई करती तो पंचायत चुनाव टालने की बात समझ में आती। नियुक्ति नियमावली पर कहा कि सरकार ने खतियानी के आधार पर नौकरी देन का दावा किया था। परंतु नए नियमावली लाकर राज्य की जनता के साथ खिलवाड़ की है। आगामी 18 दिसंबर को विनोद मिश्र की स्मृति दिवस व 16 जनवरी का महेंद्र सिंह के शहादत दिवस कार्यक्रम को सफल बनाने पर चर्चा किया गया। इस दौरान वामदलों की राज्यपाल भवन समक्ष 14 नवंबर को हुए धरना की रिपोर्टिैंग व जनसंगठनों के सदस्यता अभियान चलाने पर चर्चा की गई। इसके अलावे पार्टी संगठन की मजबूती, सदस्यता अभियान, पार्टी सिधांतों को लेकर आने वाले समय में आंदोलन करने की रूप-रेखा को लेकर भी चर्चा किया गया। अंत में बिना बहस कृषि कानून का वापस लेना गलत बताया गया। मौके पर मनोज भगत, जनार्दन प्रसाद, विनोद सिंह, शुभेंदु सेन, गीता मंडल, भुनेश्वर केवट, मोहन दत्ता, भुनेश्वर बेदिया, पुरन महतो, राजकुमार यादव, सीताराम सिंह, उस्मान अंसारी, देवदीप सिंह दिवाकर, बीएन सिंह, रविद्र भुइयां, कार्तिक प्रसाद हाड़ी, बाबूलाल राय, सुनील राणा, आरएन सिंह, कालीचरण महतो, बिरजु राम, देवकीनंदन बेदिया, पच्चू राणा, राजेंद्र मेहता आदि उपस्थित थे।