जवाद चक्रवात का जिले में दिखेगा असर, आज होगी वर्षा

संवाद सूत्र मांडू (रामगढ़) मध्य-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र शनिवार को

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:57 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:57 PM (IST)
जवाद चक्रवात का जिले में दिखेगा असर, आज होगी वर्षा
जवाद चक्रवात का जिले में दिखेगा असर, आज होगी वर्षा

संवाद सूत्र, मांडू (रामगढ़): मध्य-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र शनिवार को एक चक्रवात का रूप धारण कर चुका है। कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के मौसम विभाग से जानकारी के अनुसार जवाद का असर रामगढ़ (मध्य झारखंड) के क्षेत्र में सीमित रहेगा। इसके प्रभाव के कारण शनिवार तथा रविवार को आसमान में बादल देखने को मिलेंगे। रविवार को अधिकतर जगहों पर हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा तथा रामगढ़ के पूर्वी भागों, गोला, चितरपुर, दुलमी में भारी वर्षा भी देखने को मिल सकती है। कृषि विज्ञान केंद्र, रामगढ़ के प्रभारी डा दुष्यंत कुमार राघव ने किसानों को सुझाव दिया कि वे अपने कटे फसल को जो खेतों में पड़े हुए हैं। जल्द से जल्द किसी सुरक्षित स्थान में बारिश तथा नमी से बचा के रखें। जिनके खेतों में अभी भी धान की फसल खड़ी है। वे कटाई का काम कुछ दिनों के लिए टाल के रखें। इसके साथ खेतों में जल निकासी के लिए मेढ़ों को काट कर नालियां बनाएं तथा पटवन और कीटनाशक, दवाइयां देने का काम स्थगित रखें। सोमवार छह दिसंबर के बाद मौसम साफ़ होने के पश्चात किसान बचे हुए धान की फसल की कटाई के तुरंत बाद खेतों की जुताई कर दें। चावल के भंडारण के लिए बीज की नमी 10 से 12 प्रतिशत से अधिक न रखें। भंडार घर को कीटाणु रहित करने के लिए नुवान (डाईक्लोरवास 76 प्रतिशत इसी) का छिड़काव दो मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर करें। जैसे-जैसे आसमान सा़फ होगा तापमान में तीन से चार डिग्री की गिरावट होने का अनुमान है, इसी के अनुसार किसान उन खेतों के लिए जहां आलू की बुआई 20 से 30 दिन पहले हुई है, फसल अवशेष से मल्चिग का प्रबंध करें। अभी के मौसम में फसलों, सब्•ायिों में लाही कीट के प्रकोप के लिए प्रारंभिक अवस्था में नीम निर्मित कीटनाशी (निमार्क, नीमेरिन, निम्बीसिडिन) का प्रयोग करें। जिन किसानों के पास 4 से 5 सिचाई की व्यवस्था है वो गेहूँ (असिचित), आलू या हरा मटर की खेती क़र सकते हैं, और दो से तीन सिचाई होने पर चना, मसूर, तीसी, सरसों आदि की खेती करें।

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