संथाली रीति-रिवाज से मुख्यमंत्री ने भेजा है शादी का निमंत्रण पत्र

लाल किशोर महतो गोला(रामगढ़) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहन की शादी पूरी तरह से संथाल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 07:41 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 07:41 PM (IST)
संथाली रीति-रिवाज से मुख्यमंत्री ने भेजा है शादी का निमंत्रण पत्र
संथाली रीति-रिवाज से मुख्यमंत्री ने भेजा है शादी का निमंत्रण पत्र

लाल किशोर महतो, गोला(रामगढ़) : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बहन की शादी पूरी तरह से संथाली रीति-रिवाज व पैतृक गांव नेमरा में पुरखों द्वारा चलाए जा रहे परंपरा के साथ हो रहा है। शादी का निमंत्रण कार्ड बिल्कुल ही साधारण लेकिन सबसे अलग व आकर्षक है। थाली-लोटा व आम पल्लव की तस्वीर के साथ निमंत्रण कार्ड बाहा बाप्ला के नाम से है। संथाली में बाहा बाप्ला को शुभ-विवाह कहा जाता है। निमंत्रण कार्ड हिन्दी में संथाली भाषा में है। संथाली भाषा के शब्द को निमंत्रण कार्ड में ही परिभाषित किया गया है।

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हेमंत को चचेरी बहन व शिबू को भतीजी से है खास लगाव

राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन के छोटे भाई शंकर सोरेन का निधन वर्षों पूर्व हो गया। शिबू सोरेन अपने छोटे भाई शंकर सोरेन से काफी प्यार व लगाव था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने चाचा शंकर सोरेन के गोद में खेले, पले और बढ़े। आज उस लाडली की शादी होने वाली है, जिनके पिता स्व शंकर सोरेन अपने पैतृक गांव नेमरा में ही जीवन बसर किए। अपने गांव से उनका खास लगाव रहा था। सोरेन परिवार के गांव में मौजूद संपत्ति परिसंपत्ति का देखरेख शंकर सोरेन और उनके परिवार ही किया करते थे। सांसद शिबू सोरेन तो, राजनीति में इधर-उधर भ्रमण किया करते थे। सबसे बड़े भाई राजाराम सोरेन भी बाहर ही रहे। भाई स्व लालू सोरेन और स्व रामू सोरेन भी गांव से बाहर में ही रह कर गुजर-बसर करते थे। सोरेन परिवार का ज्यादा सदस्य बाहर में रहने के बावजूद परिवार के सभी सदस्य कभी अपने पैतृक गांव को नहीं भूले और अपना सारा कार्यक्रम परंपरा के अनुसार अपने पैतृक गांव में ही निभाई। इससे उनके परिवार के सदस्य और गांव वाले काफी खुश रहा करते हैं। कहते हैं सोरेन जी के इतने बड़े परिवार, तो कहीं से भी बड़ा आयोजन कर कोई भी कार्यक्रम कर सकते थे, परंतु यह परिवार हमेशा गांव में ही आकर, गांव और परिवार का ख्याल रखकर परंपरा निभाते हैं। शादी का कार्ड गांव गांव के सभी लोगों को मिला है। शादी का कार्ड पाकर नेमरा, रौ रौ, नरसिंहडीह, सरगडीह आसपास के ग्रामीण काफी खुश हैं।

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