प्रदूषण को लेकर सीसीएल प्रबंधन गंभीर

संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) भुरकुंडा कोलियरी पर्यावरण स्वीकृति को ले शनिवार को रि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 07:39 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 07:39 PM (IST)
प्रदूषण को लेकर सीसीएल प्रबंधन गंभीर
प्रदूषण को लेकर सीसीएल प्रबंधन गंभीर

संवाद सूत्र, भुरकुंडा (रामगढ़) : भुरकुंडा कोलियरी पर्यावरण स्वीकृति को ले शनिवार को रिभर साईड भुरकुंडा स्थित ऑफिर्सर्स क्लब में लोक सुनवाई की गई। झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देश पर आयोजित लोक सुनवाई में बतौर मुख्य अतिथि रामगढ़ के एडीशनल कलेक्टर नेलशन अयोन बागे, कंस्टलटिग एक्सक्यूटिव जेएसपीसीबी रांची के कुमार गौरव जैन व आशुतोष, रिजनल ऑफिसर जेएसपीसीबी हजारीबाग के अशोक कुमार यादव, चीफ मैनेजर सीसीएल हेडक्वार्टर के गणपति श्रीवास्तव, पतरातू सीओ शिव शंकर पांडेय, बरका-सयाल प्रक्षेत्र के जीएम अमरेश कुमार सिंह उपस्थित थे। बरका-सयाल महाप्रबंधक एके सिंह ने भुरकुंडा परियोजना परिसीमा क्षेत्र 910.16 हेक्टेयर भूमि और इसमें 2.05 मिलियन टन उत्पादन योजना की बात रखी। रैयत-विस्थापित ग्रामीणों से इसे स्वीकृति देने की बात कही। रैयत-विस्थापित ग्रामीणों ने अपनी बातों को रखते हुए कहा कि लगभग 100 वर्ष पूर्व हमलोगों की जमीन अधिग्रहण की गई थी। लेकिन आज तक मूलभुत सुविधा भी नहीं दी गई है। और न ही सीएसआर फंड के तहत प्रभावित राजस्व गांव में कोई विकास का कार्य हुआ। बढ़ते प्रदूषण, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी की भी सीसीएल प्रबंधन द्वारा इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। ग्रामीणों ने प्रबंधन को कार्यक्रम से पूर्व 12 सूत्री मांग-पत्र सौंपा। जिसपर प्रबंधन ने सकारात्मक पहल करने की बात कही।

इधर, बरका-सयाल जीएम अमरेश सिंह ने कहा कि ग्रामीणों की मांगों पर कंपनी के प्रावधानों के तहत प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाऐगी। कोयिलरी खुलने पर हर हाल में रोड सेल भी चालू होगा। उन्होंने कहा कि सीएसआर फंड से कमांडिग एरिया में विकास का कार्य जनप्रतिनिधि की सहमति व स्वीकृति से ही होता है। विस्थापन प्रमाण-पत्र मुद्दे पर जीएम ने कहा कि विस्थापित जमीन का मौजा व वंशावली परियोजना कार्यालय में जमा करें अविलंब विस्थापन प्रमाण-पत्र दी जायेगी। भुरकुंडा सीसीएल अस्तपाल में सीसीएलकर्मी ही नहीं सभी का ईलाज 24 घंटे नि:शुल्क होता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए सीसीएल कटिबद्ध है। परियोजना चालू होने के बाद मशीन लगाकर प्रदूषण मापी जायेगी। साथ ही इसका कंट्रोल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास रहेगा। वन पर्यावरण विभाग को सौंपी जाएगी रिपोर्ट: अपर समार्हता

अपर समार्हता नेलशन अयोन बागे ने कहा कि रैयत-विस्थापित ग्रामीण व सीसीएल प्रबंधन की सभी बातें नोट की गई है। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है। सारी रिपोर्ट भारत सरकार वन पर्यावरण विभाग को सैंपी जाएगी। इसके बाद ही पर्यावरण स्वीकृति मिलेगी।

लोक सुनवाई में ये थे मौजद

लोक सुनवाई कार्यक्रम में प्रमुख रीता देवी, उप प्रमुख रामाशंकर पांडेय, पार्षद दर्शन गंझू, मुखिया लव कुमार महतो, पूर्व जिप उपाध्यक्ष मनोज राम, मुखिया सीता देवी, मुखिया लीला देवी, मुखिया सुभाष दास, मुखिया प्रदीप मांझी, अखिलेश टोप्पो, बिरेंद्र मांझी, पंसस बलजीत सिंह, कमलेश सिंह, गिरधारी गोप, रॉबीन मुखर्जी, रामदास बेदिया, पूर्व पार्षद झरी मुंडा, राजेश महतो, बबन पांडेय, रितिका भोक्ता, विजय मुंडा, राणा प्रताप सिंह, अमर यादव, जानकी ठाकुर, फुलेश्वर सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।

chat bot
आपका साथी