अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान

संवाद सूत्र बरकाकाना(रामगढ़) झारखंड आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड प्रदेश के सचिव के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 07:10 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 07:10 PM (IST)
अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान
अनुसूचित जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान

संवाद सूत्र, बरकाकाना(रामगढ़) : झारखंड आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड प्रदेश के सचिव के शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार ने मुख्य सचिव झारखंड सरकार को जवाब तलब किया है। मुख्य सचिव को आयोग ने 15 दिनों के अंदर तथ्यपरक रिपोर्ट मांगी है। निर्धारित समय में जवाब प्राप्त नहीं होने के स्थिति में भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत दीवानी अदालत के शक्तियों का प्रयोग करते हुए समन जारी कर सकता है। संविधान की पांचवी अनुसूची के प्रावधानों के आलोक में गठित झारखंड सरकार जनजाति जनजाति परामर्शदातृ परिषद का गठन झारखंड गजट संख्या 293 दिनांक 07.06.2021 के प्रावधान के अनुसार किया गया है। झारखंड प्रदेश में कुल 32 जनजातियां हैं। नौ आदिम जनजाति हैं। झारखंड में इस समुदाय की जनसंख्या 2,92, 359 है, जो राज्य में अनुसूचित जनजाति की कुल आबादी के 3.38 प्रतिशत है। आदिम जनजाति समुदाय का एक भी प्रतिनिधि राज्य सरकार के किसी भी पद या विधायक नहीं है। आदिम जनजाति समुदाय के सदस्यों का 2 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। झारखंड सरकार कार्मिक प्रशासनिक के गजट के आलोक में झारखंड आदिम जनजाति विकास समिति के प्रदेश सचिव लालजी अगरिया की अध्यक्षता में आदिम जनजाति समुदाय का राज्य स्तरीय आमसभा की गई थी। आमसभा में सर्वसम्मति से डॉ मनोज कुमार अगरिया जो आदिम जनजाति समुदाय के शिक्षित एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति है। साथ ही आदिम जनजाति समाज के हित में हमेशा कार्य करते रहते हैं। इनका मनोनयन के लिए टीएसी में सदस्य के रूप में अनुरोध प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री, राज्यपाल व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत सरकार को भेजा गया था।

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