उम्मीदों के दीयों से रौशन होंगे कुम्हारों के घर

दिलीप कुमार सिंह रामगढ़ दो वर्षों बाद दीपावली के नजदीक आते ही बाजार में मिट्टी की सोंधी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:38 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:38 PM (IST)
उम्मीदों के दीयों से रौशन होंगे कुम्हारों के घर
उम्मीदों के दीयों से रौशन होंगे कुम्हारों के घर

दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : दो वर्षों बाद दीपावली के नजदीक आते ही बाजार में मिट्टी की सोंधी महक आनी शुरू हो गई है। पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन व कई पाबंदियां लागू किए जाने के कारण कुम्हारों की चाक पूरी तरह बैठ गया था। सारा परिवार आम लोगों की तरह परेशानी से दो-दो हाथ कर रहा था। इस वर्ष सरकार की ओर से पाबंदियों को हटाया गया तो कुम्हारों के चाक चलने लगे। दीये बनने शुरू हो गए। साथ ही कई सामान मिट्टी के बनकर तैयार कर आकर्षक रूप दिया जाने लगा है। वहीं बाजार में कोरोना को लेकर चाइनिज सामानों की बिक्री पूरी तरह से नहीं के बराबर हो रही है। न ही चाइनिज सामानों की डिमांड ही है। लोग स्वदेशी सामानों की ओर झूकाव कर रहे है। इससे बाजार में पारंपरिक दीये व अन्य सामान उतरने लगे है। बाजार सज कर तैयार हो गया है। कुम्हारों की चाक रफ्तार पकड़ ली है।के नजदीक आते ही बाजार में एक बार पूर्व की तरह फिर से मिट्टी की सोंधी महक आनी शुरू हो गई है। यह महक यह बताने को काफी है कि इस वर्ष कुम्हारों की चाक चलने लगी है। पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन व कई पाबंदियां लागू किए जाने के कारण कुम्हारों की चाक पूरी तरह बैठ गया था। सारा परिवार आम लोगों की तरह परेशानी से दो-दो हाथ कर रहा था। इस परेशानी और पाबंदी के बीच यह पता भी नहीं चला कि कब दीपावली आई और कब छठ पूजा बीत गई। इस वर्ष सरकार की ओर से पाबंदियों को हटाया गया तो कुम्हारों के चाक चलने लगी। दीये बनने शुरू हो गए। साथ ही कई सामान मिट्टी के बनकर तैयार कर आकर्षक रूप दिया जाने लगा है। वहीं बाजार में कोरोना को लेकर चाइनिज सामानों की बिक्री पूरी तरह से नहीं के बराबर हो रही है। न ही चाइनिज सामानों की डिमांड ही है। लोग स्वदेशी सामानों की ओर झूकाव कर रहे है। इससे बाजार में पारंपरिक दीये व अन्य सामान उतरने लगे है। बाजार सज कर तैयार हो गया है। कुम्हारों की चाक रफ्तार पकड़ ली है। हां उन्हें वर्तमान में मिट्टी की कीमत ज्यादा चुकानी पड़ रही है। साथ ही मौसम परेशान कर रहा है।

------------

गाइडलाइन का भी कर रहे इंतजार

कोरोना संक्रमण को लेकर हर पर्व-त्योहार में सरकार की ओर से कई पाबंदियों के साथ छूट दी जा रही है। ऐसे हालात में बाजार भी सरकार के गाइडलाइन का इंतजार कर रहा है। साथ ही कुम्हारों को भी यह भय सता रहा है कि अगर गाइडलाइन में छूट नहीं मिली तो सारा मेहनत व पूंजी बेकार हो जाएगा। इसलिए उहापोह के बीच वे तैयारी कर रहे है।

-------------

दो वर्षों में तो कई उतार-चढ़ाव देखा है। इस बार चाक चल रही है। उम्मीद है कि बेहतर होगी दीपावली। हां मौसम की मार से डर लगा रहता है। सरकार के गाइडलाइन का भी इंतजार है। अगर जल्द सबकुछ ठीक हो जाता हे तो बेहतर होगा। दीये सौ रुपये सैकड़ा कर बेच रहे है। अन्य चुका, ढकनी, हाथी दीया, सात मुंखी दीया, तुलसी पिडा, घरौंदा आदि सामान भी बनाकर उचित दाम पर बेचा जा रहा है।

-कुम्हार, सुरेश प्रजापति, सांडी, बोंगाबार निवासी।

chat bot
आपका साथी