प्रकृति हमेशा देती है, लेती नही, उसका दोहन नहीं सरंक्षण करें : ममता

संवाद सहयोगी रामगढ़ आदिवासी छात्र संघ की ओर से बुधवार को रामगढ़ कालेज बिरसा मुंडा परिसर में करम पर्व मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 07:13 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 07:13 PM (IST)
प्रकृति हमेशा देती है, लेती नही, उसका दोहन नहीं सरंक्षण करें : ममता
प्रकृति हमेशा देती है, लेती नही, उसका दोहन नहीं सरंक्षण करें : ममता

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : आदिवासी छात्र संघ की ओर से बुधवार को रामगढ़ कालेज बिरसा मुंडा छात्रावास परिसर में करम पूर्व संध्या कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मांदर की थाप पर प्रकृति के उपासकों संग विधायक ममता देवी, विधायक अंबा प्रसाद, प्राचार्य डा. मिथिलेश सिंह व एसडीपीओ किशोर रजक खूब थिरके। सभी प्रकृति के रंग में रंग कर करमा झूमर किया। इससे पूर्व आयोजकों ने मुख्य अतिथि विधायक ममता देवी, बडकागांव विधायक अंबा प्रसाद, एसडीपीओ किशोर रजक, प्राचार्य डा. मिथिलेश सिंह, महिला कालेज प्राचार्य डा. शारदा प्रसाद, संघ के केंद्रीय उपाध्यक्ष छोटेलाल करमाली, जिला अध्यक्ष सुनील मुंडा, जिला प्रवक्ता पंचदेव करमाली आदि का स्वागत लोटा पानी के साथ पुष्प गुच्छ देकर व तिलक लगाकर किया। अतिथियों ने करम डाल के समक्ष पूजन कर आशीर्वाद लिया। मौके पर विधायक ममता देवी ने कहा कि यह पर्व हमें प्रकृति से प्रेम करने का संदेश देती है। साथ ही यह बताती है कि प्रकृति हमेशा देती हैं, लेती कुछ नहीं र्हैं। इसलिए उसका दोहन बंद करे और संरक्षण करें। विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि हर इंसान पौधे लगाए, साफ-सफाई पर ध्यान रखे। करमा पर्व अपनी संस्कृति को जानने का एक माध्यम है। अनुशासन ही जीवन में मार्ग प्रशस्त करता है। जबकि कालेज प्राचार्य डा. मिथिलेश सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज हमेशा समूह में रहता है। पूजा भी समूह में करता है और करम पर्व भी मनाता है। यह मानव जीवन के सभ्यता को बताता है। कहा कि इसलिए हमेशा प्रकृति से प्रेम का संदेश देता है। जल, जमीन व लंगल झारखंड के आदिवासी का महापर्व है। बाद में सभी अतिथिगण करमा डाल के समक्ष मांदर की थाप पर जमकर झूमर करते हुए आनंदित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष अध्यक्ष सुनील मुंडा व संचालन सुनील करमाली ने किया।

कार्यक्रम में कोठार पूर्व मुखिया दिनेश मुंडा, विधायक प्रतिनिधि मुकेश यादव, संजय साव, शहजाद खान, सुमंत कुमार महली, संयोजक रमेश रजवार, शशि करमाली, अजय करमाली, तिवारी टोप्पो, आनंद करमाली, गगन करमाली, नकुल महतो, महेश महतो, रमेश मुंडा, अमृत कुमार महली, सुदेश उरांव, जलेश्वर करमाली, संजय करमाली, नागेश मुंडा, संतोष मानकी, तिवारी टोप्पो, राजेश मुंडा, जगरनाथ मुंडा, माधव कर्म, प्रमोद मुंडा, भरत करमाली, उमेश करमाली, श्रीवास्तव मुंडा, भास्कर करमाली, मनीष करमाली आदि मौजूद थे।

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