प्रेमचंद कई अर्थों में हैं आज भी प्रासंगिक : डा. शारदा

संवाद सहयोगी रामगढ़ रामगढ़ महाविद्यालय हिदी विभाग व महिला महाविद्यालय के संयुक्त में मुंशी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:28 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:28 PM (IST)
प्रेमचंद कई अर्थों में हैं आज भी प्रासंगिक : डा. शारदा
प्रेमचंद कई अर्थों में हैं आज भी प्रासंगिक : डा. शारदा

संवाद सहयोगी, रामगढ़ : रामगढ़ महाविद्यालय हिदी विभाग व महिला महाविद्यालय के संयुक्त में मुंशी प्रेमचंद की 141वीं जयंती पर गूगल मीट पर एक वेब संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरूआत स्नेहिल स्वरांश द्वारा सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से हुआ। रामगढ़ महिला महाविद्यालय प्राचार्य डा. शारदा प्रसाद ने स्वागत भाषण एवं विषय प्रवर्तन किया। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद कई अर्थों में आज भी प्रासंगिक हैं। उनको याद करने का यह अवसर बेहद महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अनुराग अन्वेषी प्रेमचंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मेरे भाषा को लेकर बेहद सजग रचनाकार रहे। आज भाषा को लेकर जो शिथिलता है उसने भाषा के प्रति इस संवेदनशील लेखक को याद किया जाना बेहद जरूरी है। उर्दू मिश्रित हिदी या हिदुस्तानी के प्रस्तावक प्रेमचंद बोलचाल की भाषा को तरजीह देते रहे। इस कार्यक्रम में छात्रा कौशल्या कुमारी, राजूचंद्र पोदार, दिलरंजन प्रसाद, कविता कुमारी, रेणु कुमारी, पवन कुमार मिश्रा आदि छात्र-छात्राओं ने अपने विचार रखे और प्रेमचंद को अपने-अपने ढंग से याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रामगढ़ महाविद्यालय के प्राचार्य डा. मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि आज प्रेमचंद होते तो इस वैष्म्य और विषाक्त माहौल में राजद्रोही घोषित कर दिए जाते। वरिष्ठ प्रो. विनय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया। डा. राहुल कुमार ने इस वेब संगोष्ठी का संचालन किया। उन्होंने हिदी विभाग में सेवानिवृत्त हो रहे प्रो. विनय कुमार के साथ बिताए हुए पलों को साझा करते हुए एक नए जीवन की शुभकामना भी थी। कार्यक्रम में डा. रणविजय देव, डा.रत्ना पांडे, डा. एसके अग्रवाल, डा. कामना रॉय, प्रो. रोज उरांव, डा. अनामिका आदि शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद थीं।

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