प्रदूषित पानी के सहारे ग्रामीणों की है जिदगानी

संवाद सूत्र घाटो(रामगढ़) पुरानी कहावत है कि जहां है स्वच्छ पानी वहीं पर बसता है ग्रामी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:31 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:31 PM (IST)
प्रदूषित पानी के सहारे ग्रामीणों की है जिदगानी
प्रदूषित पानी के सहारे ग्रामीणों की है जिदगानी

संवाद सूत्र, घाटो(रामगढ़): पुरानी कहावत है कि जहां है स्वच्छ पानी, वहीं पर बसता है ग्रामीणों की लंबी जिंदगानी। लेकिन पुरानी कहावत आज कहां गया और वैसे जिन्दगानी कहां पर बसता है, यह एक खोज का विषय बन गया है। कोयलांचल के आसपास दर्रजनों गांव है, जिसमें स्वच्छ पानी की कल्पना करना बेमानी है। ग्रामीणों को स्वच्छ पानी उपलब्ध हो, इसकी पहल आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं कर पाए। जब भी चुनाव आता है, नेताओं के द्वारा मंच से सैकड़ों उपलब्धि गिना दिया जाता है, लेकिन जमीन पर कहीं भी दिखलाई नही देता है। प्रदूषित पानी के मामले में सबसे प्रथम स्थान मांडू प्रखंड के बसंतपुर व बड़गांव पंचायत का है। बसंतपुर पंचायत के आदिवासी बहुल बाला महुआ गांव में लगभग एक हजार ग्रामीण रहते है, जो आज भी चुआं का गंदा पानी एक गडढे में जमा करके पीने को विवश हैं। झुमरा पहाड़ के तलहटी में बसे गांव में एक हैंडपंप है जिससे लाल पानी निकलता है। हालात यह है कि एक नाले में चुंआ खोदा गया है, जिसमें प्रदूषित पानी रहता है, उसी पानी को ग्रामीण पीते है, जिसके कारण समय से पहले ग्रामीण या तो बीमारी से ग्रसित हो जाते है या समय से पहले बुढ़े हो जाते हैं। कामोवेश यही स्थिति इसी पंचायत के झरना टोला की है। आदिवासी गांव में पांच सौ की आगादी रहता है, जो चुंआ का पानी ही पीता है। इसका प्रदूषित पानी दिन में ग्रामीण व रात में जंगली जानवर पीते है। यहां पर पानी रोकने के लिए एक हौज वर्षों पहले बनाया गया था। इसमें जमा पानी पीने से लेकर स्नान करने का काम आता है। इस टोला में हैंडपंप व कुंआ नही है। इसी प्रकार बड़गांव पंचायत के हथुआ झरना टोला है, जहां पर कुल पांच टोलों में लगभग एक हजार की आबादी रहता है। इन टोलों में कुल तीन हैंडपंप है, जिससे लाल पानी निकलता है। दो कुआं जलविहीन रहता है। यहां के आदिवासी पास के चुटूआ नदी के किनारे चूंआ बनाकर प्रदूषित पानी पीने को विवश हैं। गांव के सनोज उरांव, महावीर मांझी व पार्वती देवी के मुताबिक आज तक इन टोलों में सांसद से लेकर विधायक का दर्शन नही हो पाया है। ऊपर टोला में स्थित नवप्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में स्थित हैंडपंप में लाल पानी ही निकलता है, लेकिन वैसे पानी का उपयोग करना ग्रामीणों की मजबूरी है। आजादी के वर्षों हो गए, लेकिन आज तक कोई भी सरकार यहां के ग्रामीणों को पानी का साफ पानी नही दे पाया। सुविधाओं से वंचित गांव आज विकास की राह देख रहा है, लेकिन गांव को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिये जिला व प्रखंड मुख्यालय में बैठे अधिकारी भी उदासीन हैं।

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इस समस्या को लेकर मांडू प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक सूचना दिये है, लेकिन अभी तक कोई ठोस पहल नही किया गया है।

निर्मल महतो, मुखिया, बसंतपुर

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