मिश्रित खेती जीवन में घोल रही मिठास
देवांशु शेखर मिश्र रामगढ़ अब खेती-किसानी घाटे का सौदा नहीं रहा। सरकार की कई यो
देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़ :
अब खेती-किसानी घाटे का सौदा नहीं रहा। सरकार की कई योजनाएं किसानों को प्रोत्साहित कर रही हैं और इनसे उनकी आमदनी भी बढ़ रही है। इसी तरह एक योजना है बिरसा मुंडा आम बागवानी। यह योजना किसानों के लिए बेहतर साबित हो रही है। इस योजना ने कई किसानों की जिदगी बदल दी है। ये मिश्रित खेती कर अपने जीवन में मिठास घोल रहे हैं। मिश्रित खेती यानी कई तरह की एक साथ उपज। इंच-इंच जमीन का उपयोग। आम बागवानी के साथ बीच की जगह में अन्य चीजों की खेती करते हैं।
पतरातू प्रखंड क्षेत्र के तालाटांड़ निवासी किसान शिव चरण उरांव मिश्रित खेती कर हर साल डेढ़ से दो लाख रुपए कमा रहे हैं। 2019-20 में शिवचरण ने अपनी जमीन पर बिरसा मुंडा आम बागवानी योजना शुरू की। योजना में एक लाख 70 हजार रुपए की राशि खर्च हुई। मजदूरी व्यय में 64 हजार व सामग्री में 45 हजार। उन्होंने तरबूज की खेती कर एक से डेढ़ लाख रुपए कमाए। प्रारंभ में थोड़ी परेशानी अवश्य महसूस हुई लेकिन सरकारी सहयोग ने उनकी चिता दूर कर दी है। इसमें ग्राम रोजगार सेवक शंकर कुमार महतो, पंचायत सेवक नरेश प्रसाद, मुखिया पंचम मुंडा व बीएफटी सूरज प्रसाद ने काफी सहयोग किया। मनरेगा के नाडल पदाधिकारी विजय कुमार ने कहा कि विभाग की ओर से लाभुकों को हर संभव सहयोग किया जा रहा है, ताकि वे अपनी आमदनी को बढ़ा सकें।
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योजना का लाभ देकर किसानों को हर तरह से संबल प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। समय-समय पर लाभुकों को तकनीकी सहयोग भी किया जा रहा है, ताकि वे अपनी आय में बढ़ोत्तरी कर सकें। मिश्रित खेती कर किसान बेहतर कर रहे हैं।
नागेंद्र कुमार सिन्हा, डीडीसी, रामगढ़।
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योजना को लेकर थोड़ा मन में संशय जरूर था लेकिन प्रशासनिक मदद ने सभी चिता दूर कर दी। आम बागवानी योजना के तहत मिश्रित खेती यानी तरबूज आदि की खेती कर डेढ़ से दो लाख रुपए की आमदनी प्रतिवर्ष हुई। विभागीय सहयोग से आने वाले समय में बेहतर खेती करने की योजना मैंने बना रखी है।
शिवचरण उरांव, लाभुक किसान।
तालाटांड़ पतरातू।