चोट-मोच के इलाज में माहिर हैं मंगरा करमाली

संवाद सूत्र घाटो(रामगढ़) कहते हैं कि समाजसेवा करने का जज्बा हो तो हर क्षेत्र में समाजस

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 08:05 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 08:05 PM (IST)
चोट-मोच के इलाज में माहिर हैं मंगरा करमाली
चोट-मोच के इलाज में माहिर हैं मंगरा करमाली

संवाद सूत्र, घाटो(रामगढ़) : कहते हैं कि समाजसेवा करने का जज्बा हो, तो हर क्षेत्र में समाजसेवा करने का मौका मिलता है। बिना कोई लालच किए समाजसेवा करने वालों को समाज सर आंखों पर बैठाने का काम करते हैं। कुछ ऐसा ही समाजसेवा विगत 15 सालों से आरा कालोनी निवासी 45 वर्षीय मंगरा करमाली कर रहे है। सीसीएल के करमा परियोजना में डंपर आपरेटर के पद पर कार्यरत है। सीसीएल की सेवा देते ही मंगरा करमाली समय निकालकर आए दिन कोयलांचल के लोगों के बीच जाकर समाजसेवा में जूट जाते हैं। पुरानी कहावत है कि जो नि:स्वार्थ सेवा करता है, उसके हाथों में असीम शक्ति आ जाती है। यही कारण है कि मंगरा करमाली के हाथ लगते ही किसी भी मरीज को ठीक होने में एक घंटे से ज्यादा समय नही लगता है। उनके हाथों का जादू है कि चोट-मोट से घायल व्यक्ति चंद मिनट में ही राहत महसूस करता है। शरीर के नस छूकर बता देते हैं कि क्या परेशानी है। और देखते ही देखते मरीज स्वास्थ्य हो जाता है। वे झारखंड 15 नंबर, लईयो, घाटो, परेज, हुरदाग, रहावन, पचमो, सारूबेड़ा, दनिया, बसंतपुर, चोपड़ा मोड़, चार नंबर, सारूबेड़ा, कुजू, गोमिया, भुरकुंडा सहित दर्जनों स्थलों पर जाकर निश्शुल्क इलाज करते है। कहते है कि ईश्वर के तरफ से चंद लोगों को ही इस प्रकार के सौगात मिलते है, लेकिन इस सौगात को जिसने भी पैसे लेकर बेचने का काम किया, उसके पास से ईश्वर उस अतुल्नीय सौगात को छिन लेता है। मेरे पास मां की यह धरोहर है, जिनसे यह हुनर सीखने का काम किया। बहरहाल अब तक लगभग दस हजार मरीजों को इलाज किया और ईश्वर से चाहा, तो दस हजार और मरीजों को राहत देने का काम करेंगे।

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