तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन

संवाद सूत्र मांडू(रामगढ़) कृषि विज्ञान केन्द्र मांडू रामगढ़ में किसनों को पठारी क्षेत्रों

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 06:15 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 06:15 PM (IST)
तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन
तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन

संवाद सूत्र, मांडू(रामगढ़) : कृषि विज्ञान केन्द्र, मांडू रामगढ़ में किसनों को पठारी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त कृषि उपकरण का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को समापन हुआ। यह प्रशिक्षण सीआरपी कृषि यांत्रिकरण एवं परिशुद्धता खेती परियोजना के अंतर्गत 25 फरवरी को शुरु हुआ था। आयोजित प्रशिक्षण में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना से आये कृषि यंत्रिकी वैज्ञानिक डा. प्रेम कुमार सुन्दरम, वैज्ञानिक डा. पवन जीत एवं डा. एन. राजू सिंह द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण में जिले के चितरपुर प्रखंड के विभिन्न गॉवों के महिला कृषकों अन्य किसानों ने हिस्सा लिया। किसानों को कृषि को पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों में उपयोगी छोटे एवं हल्के कृषि उपकरणों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई । तीन दिन के प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं को 26 फरवरी को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची के कृषि अभियंत्रण प्रभाग का भ्रमण कराया गया। प्रभाग के प्रमुख डी.के. रूसिया के द्वारा संस्थान द्वारा विकसित कृषि उपकरणों के प्रदर्शन के साथ-साथ उनके संचालन एवं रख-रखाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। केंद्र प्रक्षेत्र प्रबंधक सन्नी कुमार एवं पटना से आये मनोज कुमार सिन्हा द्वारा महिला कृषकों को दो पहिया निकाई यंत्र, कोनो विडर, ग्रबर इत्यादि का खेतों प्रत्यक्षण कराया गया। प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. डी.के. राघव ने किसानों को पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों में उपयोगी छोटे एवं हल्के कृषि उपकरणों के प्रयोग पर बल देते हुए कहा कि किसानों के लिए केंद्र में कस्टम हायरिग सेंटर में कृषि छोटे एवं हल्के कृषि उपकरणों के साथ-साथ अन्य कृषि यंत्र भी किराये पर उपलब्ध हैं जिसका उपयोग कर किसान अपने कृषि कार्य आसानी से कर सकते हैं। केंद्र के वैज्ञानिक डा. इन्द्रजीत एवं डा. धर्मजीत खेरवार ने कृषकों को विभिन्न फसलों एवं बागवानी में कृषि उपकरणों के उपयोग कर समय एवं लागत को कम करने पर जोर दिया। प्रशिक्षण के समापन के दौरान प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किया गया। मौके पर केंद्र के मौसम वैज्ञानिक सन्नी आशीष बालमूचु तथा मौसम पर्यवेक्षक शशिकांत चैबे के साथ-साथ अन्य लोग उपस्थित थे।

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