कोयलांचल में हड़ताल का मिला-जुला असर, खदानों में हुआ उत्पादन, ट्रांसपोर्टिंग रही ठप
संवाद सूत्र भुरकुंडा (रामगढ़) केंद्र सरकार व कोल इंडिया की मजदूर विरोधी नीति के खिला
संवाद सूत्र, भुरकुंडा (रामगढ़) : केंद्र सरकार व कोल इंडिया की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ विभिन्न श्रमिक संगठनों द्वारा आहुत देशव्यापी हड़ताल का गुरुवार को बरका-सयाल कोयलांचल में मिला-जुला असर रहा। हड़ताल के दौरान प्रक्षेत्र के कोलियरियों में सामान्य दिनों की तरह उत्पादन होता रहा। सभी प्रक्षेत्रों में अधिकांशत: मजदूरों ने हाजिरी बनाकर काम किया। हालांकि हड़ताल के कारण पूरे प्रक्षेत्र में ट्रांसपोर्टिंग ठप रही। वहीं हड़ताल को सफल बनाने को ले संयुक्त मोर्चा व संयुक्त ट्रेड यूनियन मार्चा के लोग सुबह से ही झंडा-बैनर के साथ विभिन्न खदानों का दौरा किया। इस दौरान प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गई। प्रबंधकीय सूत्रों के अनुसार जेनरल शिफ्ट में 1999 मजदूरों में 327 मजदूर, जबकि गुरुवार की प्रथम पाली में 865 में 166 मजदूर हड़ताल पर थे। जबकि जेनरल शिफ्ट में लीवसिक 168, लांग अबसेंट 18 थी। वहीं फर्स्ट शिफ्ट में 53 लीव सिक व चार अबसेंट थे। हड़ताल से सीसीएल प्रबंधन को भारी नुकसान हुआ है। बरका-सयाल प्रक्षेत्र में कुल 3535 में 608 मजदूर हड़ताल पर रहे। वहीं हड़ताल समर्थकों ने हड़ताल को पूरी तरह से सफल बताया। हड़ताल को ले विभिन्न श्रमिक संगठनों के लोग सड़क पर उतरे। इसमें एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस सहित एक्टू, जमसं, बिहार जनता खान मजदूर संघ, श्रमिक विकास संगठन आदि के लोग शामिल थे। हड़ताल को ले भुरकुंडा, उरीमारी, बिरसा में संयुक्त मोर्चा के संयोजक विध्याचल बेदिया, प्रभु दयाल सिंह, अशोक गुप्ता, एसएन प्रसाद, सतीश सिन्हा, वासुदेव साव, रामनरेश सिंह, देवेंद्र सिंह, अर्जुन सिंह, संजय शर्मा, रामाकांत दूबे, धनंजय सिंह, विश्वनाथ मांझी, नीलकंठ प्रसाद, अशोक गुप्ता, जय नारायण बेदिया, दशरथ कुर्मी, अशोक शर्मा, संजय वर्मा, जगरनाथ पासवान, जेपीएन सिन्हा, डा. जी आर भगत, विनोद कुमार मिश्रा, नरेश मंडल, विकास कुमार, लखेंद्र राय, सत्यनारायण ठाकुर आदि सक्रिय थें।