छूट मिली तो नियम कर दिया दरकिनार

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देश में किए गए पांच चरणों में।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 08:43 PM (IST) Updated:Thu, 04 Jun 2020 08:56 PM (IST)
छूट मिली तो नियम कर दिया दरकिनार
छूट मिली तो नियम कर दिया दरकिनार

दिलीप कुमार सिंह, रामगढ़ : कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर देश में किए गए पांच चरणों में लॉकडाउन के बाद आम जनों को राहत के लिए अनलॉक वन की छूट दी गई है। सुरक्षा और एहतिहात बरतते हुए जीवन की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए छूट दी गई । इससे इतर छूट मिलते ही लोग सभी कुछ भूल कर सड़क पर उमड़ पड़े है। बाजार खुल गए हैं। इस कारण लोगों के चेहरों पर रौनक आ गई है। 72 दिनों के बाद मिली छूट का लोग जमकर धज्जियां उड़ा रहे है। यहां तक कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से दिए गए गाइडलाइन को काफी पीछे छोड़कर लोग आगे बढ़ गए है। सभी नियम और कानून धरे के धरे रह गए है। बाजार आम दिनों की तरह हो गया है। हर ओर भीड़ दिखाई दे रही है। नाम के लिए सैनिटाइजर और मास्क की बात लग रही है। यह सिर्फ दिखावा मात्र हो गया है। शारीरिक दूरी की तो ऐसी धज्जी उड़ रही हैं की कल्पना से भी परे है। लोग बिना मास्क के गलबहिया कर चल रहे है। अनुमान था कि लॉकडाउन के बाद आम दिनों की तरह बाजार नहीं होगा। बहुत कुछ बदला नजर आएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बाजार में जमकर लोग खरीदारी कर रहे है। कोरोना से निबटने के लिए कुछ इंतजाम नहीं दिखाई दे रहा है। सैनिटाइजर और हाथ धुलाई का साधन दिखावे का है। लोगों की भीड़ के लिए दुकानों में नाम का घेरा बनाया गया है। उसका पालन तक कोई नहीं कर रहा है। करीब-करीब लोग मास्क का उपयोग तक नहीं कर रहे है। ना ही शारीरिक दूरी का पालन कर रहे है। इसका उदाहरण सीधे सड़कों पर दिखाई देता है। जब मोटरसाइकिल सवार तीन लोड़ लेकर रफ्तार से चलते है। ऑटों का भी वहीं हाल है। कोई व्यवस्था नहीं। यह कहें की लॉकडाउन के बाद जिदगी लोगों की आम हो गई है। कोरोना का भय तो छू मंतर हो गया है। वहीं इससे इतर जिले में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या दिनों-दिनों रफ्तार से बढ़ती जा रही है। हाल अगर यही रहा तो आगे भगवान ही मालिक।

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लोग जमकर कर रहे हैं फीलगुड

लॉकडाउन के बाद तो मानों लोगों को आजादी मिली है। इस तरह लोग अपने आप को बाजारों में खड़ा कर रहे हैं जैसे उनकी दिनचर्या में कोई बदलाव ही नही हुआ हो। लोग जमकर फीलगुड कर रहे है। ठेला, खोमचा, गुपचुप, जूस आदि के दुकानों पर खड़ा होकर बिना कोई सुरक्षा और भय के गला तर कर रहे है। कोरोना वायरस का डर मानों खत्म सा हो गया है।

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अन्य दुकानों को खुला देख जूते, कपड़े के व्यवसायी हो रहे निराश

शहर से लेकर जिलेभर में लगभग दुकानें खुल गई है। वैसे कई दुकानें ऐसी हैं जो बिना आदेश के ही खोल दिए गए हैं। क्योंकि उसे मालूम है कि कोई रोकने व टोकने वाला अब नहीं है। इन्हें देखकर कपड़े और जूते के व्यवसाय से जुड़े लोगों में काफी निराशा हो रही है। क्योंकि सरकार के स्तर से इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। व्यवसायी कमल बगड़िया, सुरेश बगड़िया, बालकिशन जलान, मनमोहन सिंह लांबा आदि ने कहा कि जब लगभग दुकानें खुल गई हैं तो कपड़े और जूते की दुकानों को भी खोलने की अनुमति मिल जानी चाहिए। क्योंकि सुरक्षा के साथ ही तो दुकानें खोलना है। सरकार से काफी अपेक्षाएं है। अब सरकार के निर्णय पर ही सबकुछ टिका है।

ज्वेलरी दुकानें तो खुली पर मंदा हैं धंधा

लॉकडाउन के बाद दुकानें तो खुली पर धंधा ही मंदा हो गया है। क्योंकि लॉकडाउन के बाद लोगों के पास पैसे की परेशानी बढ़ गई है। लोग घरों से निकल तो रहे हैं पर ज्वेलरी दुकानों तक नहीं आने का हिम्मत कर रहे हैं। पुराने ऑर्डर जो दिए थे वह भी पड़ा हुआ है। कोरोना वायरस संक्रमण काल में लोग जो ऑर्डर दिए थे वह ले भी नहीं गए। ज्वेलरी दुकान के संचालक मोहन कुमार, प्रकाश अग्रवाल, भुपेंद्र शर्राफ, कृष्ण मुरारी शर्राफ, दीपचंद प्रसाद व तरूण वर्मा, बैजू साव आदि ने कहा कि वर्तामन में सोने का भाव 45 हजार प्रति दस ग्राम व चांदी का 48 हजार प्रति केजी का भाव है। लॉकडाउन के पूर्व सोने की कीमत 42 हजार प्रति दस ग्राम व चांदी की कीमत 44 हजार प्रति दस ग्राम था। कहा कि यह समय बहुत ही कठिन है।

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ऑटों वाला मनमाना भाड़ा वसूल रहा, ठूंस कर ही बैठा रहे यात्रियों को

लॉकडाउन के पूर्व के नियम को बिल्कुल ही फॉलो नहीं करना है। यह मानकर लोग चल रहे थे। अब शायद ऑटों वाले भी इसका पालन करेंगे। लेकिन क्या नियम, क्या कानून वहीं पुरानी ढर्रा कायम है। मनमाना भाड़ा वसूल रहे हैं। रामगढ़ से सिरका, अरगड़ा के लिए 30 से 35, रांची रोड के लिए 30, बरकाकाना के लिए 30 रुपये तक वसूल रहे है। उसके बाद भी ठूंस कर ही यात्रियों को बैठा रहे है। ना सैनिटाइजर ना ही यात्री बैठाने व उतारने के बाद सैनिटाइज कर रहे हैं ऑटों को। मास्क तक नहीं लगा रहे है। मजबूरी है कि सफर तो करना ही है। वैसे अभी कई स्थानों के लिए ऑटों नहीं चल रहा है। भाड़ा भी यूनियन के तरफ से तय नहीं हुआ है।

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लॉकडाउन में महगांई ने तोड़ रखी है कमर

कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर हुए लॉकडाउन में अचानक से राशन का दाम बढ़ने से महांगाई बढ़ गई थी। लोग आपाधापी में घरों में सामान का स्टॉक करने लगे। बड़े व्यापारी भी दामों को बढ़ाकर छोटे व्यापारियों को देने लगे थे। इससे किचन का पूरा बजट ही गड़बड़ा गया था। अभी पुराने सामान ही पड़े हैं उसी को बेचा जा रहा है। मसलन तेल, रिफाइन, चाय, बिस्कुट सहित कई है। वैसे पिछले माह तो आटा 180 रुपये कर बेचा गया था। अब 135 रुपये हो गया है। दामों में ज्यादा अंतर नहीं है। अब नए सामान आएंगे उसके बाद ही रेट का पता चल पाएगा। वैसे बड़े व्यापारित हॉलसेल से माल उठाकर रख लेते है। छोटे दुकानदारों को इससे परेशानी हो जाती है।

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बाजारों में सभी सामान उपलब्ध है। किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है। लॉकडाउन के पूर्व में जो सामान आया था वह पूरी तरह सप्लाई हो गया है। बाजार में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं है। राशन उपलब्ध है। व्यापारियों को भी पूरा सामान मिल रहा है।

-अमित कुमार साहू अध्यक्ष, थोक खाद्यान्न व्यवसायी संघ, रामगढ़।

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