स्टार्ट अप को बचाने प्रोडक्ट बदल उतर गए बाजार में
तरुण बागी रामगढ़ कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर देशभर में लॉकडाउन लगते ही कई त
तरुण बागी, रामगढ़ : कोरोना संक्रमण के बचाव को लेकर देशभर में लॉकडाउन लगते ही कई तरह व्यापार व उद्योग धंधों में व्यापक प्रभाव पड़ा है। लेकिन कई लोग अपनी सोच-समझ से बाजार में टिके हुए हैं। पर्यावरण सुरक्षा को लेकर पूरे जिले में पॉलिथीन बैग पर प्रतिबंध लगने के बाद रामगढ़ के युवा व्यवसायी रंजीत पांडेय ने
प्रतीक इंटरप्राइजेज नाम से एक स्टार्ट अप लघु उद्योग की स्थापना बैंक से 30 लाख रुपये का लोन लेकर किया। संयंत्र के उद्घाटन के महज दस घंटे के अंदर देशभर में लॉकडाउन लग गया। इससे बाद फेबरिक बैग बनाने का काम पूरी तरह से रूक गया। रंजीत कई तरह के आशंकाओं से घिर गए कि अब काम नहीं होगा तो समय पर बैंक का लोन कैसे चुकाएंगे। तभी उन्होंने समय के अनुकूल काम करने का निर्णय लिया और मास्क व पीपीई किट बना बाजार में उतर गए। अब उनके संयंत्र में फेबरिक बैग के बदले एन-95 व केएम-95 मास्क के साथ-साथ पीपीई किट बनाने का काम चल रहा है। शहर के सटे नगर परिषद क्षेत्र के कांकेबार में एमएसएमई के तहत खुले इस प्लांट में दिन-रात कुशल व अशकुल श्रमिक शारीरिक दूरी का पालन करते हुए काम में जुटे हैं। प्लांट के इंचार्ज संतराज पासवान ने बताया कि उदघाटन के दिन हीं लॉकडाउन लगने के बाद ऐसा लगा कि अब क्या होगा। बाजार बंद है। फेबरिक बैग का डिमांड भी बाजार में नहीं है। बैग बनाने के लिए सारे मेटेरियल भी है। बैंक से लोन लेकर इसे चालू किया है। प्लांट नहीं चलेगा तो बैंक लोन कैसे चुकता है। इसी बीच बाजार में नए प्रोडक्ट बनाने की सोच से गुणवक्तायुक्त मास्क व पीपीई किट बनाने की सोची। इसे बनाने के लिए फेबरिक बैग में लगने वाले कई मेटेरियल्स काम आ गया। सबसे पहले केएम-95 मास्क बनाना शुरू किया। लगभग एक हजार मास्क बनाकर सीसीएल क्षेत्र सहित कई सरकारी विभाग में निश्शुल्क में वितरण किया गया। इस मास्क को लोग पसंद करने लगे। लोगों को विश्वास हीं नहीं हो रहा था कि इस स्तर का मास्क रामगढ़ के प्लांट का बना हुआ है। उन्होंने बताया कि अपने शुभचितकों के सुझाव पर सरकार के जेम्स पोर्टल में प्रोडक्ट को डाला तो पहले हीं दौर में 25 हजार केए-95 मास्क का आ ऑर्डर मिल गया। मौखिक तौर पर पांच हजार पीस पीपीई किट बनाकर रखने का भी आदेश मिल गया है। उन्होंने बताया कि प्लांट लगाने वाले व्यवसायी के साथ-साथ यहां 10 कुशल व अकुशल मजदूरों को रोजगार भी मिला है।