नहाय खाय के साथ आरंभ हुआ छठ महापर्व
- कोरोना की दूसरी लहर का पड़ा असर चैती छठ महापर्व पर - खरना आज कल अर्पित किया जा
- कोरोना की दूसरी लहर का पड़ा असर चैती छठ महापर्व पर - खरना आज, कल अर्पित किया जाएगा भगवान सूर्य को प्रथम अर्घ्य संवाद सूत्र, भुरकुंडा(रामगढ़): श्रद्धा भक्ति का महापर्व चैती छठ इस वर्ष भी भुरकुंडा कोयलांचल भदानीनगर सहित आसपास क्षेत्रो में भक्तिभाव से मनाया जा रहा है। लेकिन पिछले बर्ष की तरह इस वर्ष भी कोरोना की दूसरी लहर का असर चैती छठ पर्व है देखा जा रहा है। कई जगहो पर चैती छठ पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन सादगी के साथ भक्तिभाव से। पहले की तरह छठ महापर्व जैसा माहौल नहीं दिख रहा है। चार दिवसीय चैती छठ महापर्व के प्रथम दिन शुक्रवार को छठव्रतियो ने नियम पूर्वक नहाय खाय किया। इसमे छठव्रतियो ने स्नान ध्यान पूजा के बाद शुद्ध रूप से अरवा चावल का भात कददू की सब्जी चना का दाल का सेवन किए। महापर्व के दूसरे दिन शनिवार को छठव्रती खरना करेंगे। दिन भर निर्जला उपवास रखने के बाद शाम मे शुद्ध रूप गाय के दूध मे खीर का प्रसाद बनाएगी। साथ ही छठव्रती पूजा अर्चना कर खीर के प्रसाद का सेवन करेंगे। भक्तो के बीच खरना के प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा। छठ महापर्व के तीसरे दिन छठव्रती रविवार को दिन रात निर्जला उपवास रखेंगे। साथ ही अपराहन बाद सूप दौरा मे फल फूल प्रसाद सजाकर छठघाटो पर जा अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को प्रथम अर्ध्य अर्पित करेंगे। इसी प्रकार चैथे दिन सोमवार तड़के पुन: छठघाटो पर जा कर उदयीमान भगवान सूर्य को द्वितीय अर्ध्य अर्पित करेंगे। दोनों समय अर्ध्य अर्पित करने से पहले छठव्रती आधे शरीर पानी मे रहकर छठ मां भगवान सूर्य की पूजा अराधना करेंगे। अर्ध्य अर्पित करने के लिए काफी संख्या में भक्त पहुंचेंगे। सोमवार को अर्ध्य अर्पित करने के बाद छठव्रती लोग छठ का प्रसाद सेवन कर पारण करेंगे। चैती छठ महापर्व नियम पूर्वक विधि विधान से भुरकुंडा कोयलांचल सहित भदानीनगर, सौंदा डी, सेन्ट्रल सौंदा, रिभर साइड आदि क्षेत्रो मे मनाया जा रहा है।