सड़क व बाजार वीरान, श्मशान में भीड़, कोरोना की यही है दास्तान

राकेश पांडेय भुरकुंडा (रामगढ़) कोरोना का वायरस पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:27 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:27 PM (IST)
सड़क व बाजार वीरान, श्मशान में भीड़, कोरोना की यही है दास्तान
सड़क व बाजार वीरान, श्मशान में भीड़, कोरोना की यही है दास्तान

राकेश पांडेय, भुरकुंडा (रामगढ़) : कोरोना का वायरस पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है। हजारों की संख्या में लोगों की मौत हो रही है। लोग खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं। कोरोना की दूसरी लहर बरका-सयाल कोयलांचल में काल बन मंडरा रही है। प्रदेश में लॉक डाउन से बंद पड़ी दुकानें, सुनसान सड़क, वीरान बाजार और सुने खेल के मैदानों के बीच कुछ गुलजार है तो वह कोयलांचल का श्मशान है। भुरकुंडा कोयलांचल सहित बासल, भदानीनगर, उरीमारी-सयाल आदि क्षेत्रों में लगभग दर्जन भर जगहों पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया होती है। इसके अलावे मुस्लिमों व ईसाईयों का भी कई कब्रिस्तान भी है। प्रतिदिन इन जगहों पर सुबह से ही शव पहुंच रहे हैं। शुक्रवार व शनिवार को भी रिभर साईड भुरकुंडा स्थित दामोदर नदी तट स्थित श्मशान घाट में लगभग एक साथ पांच शव पहुंचे थे। हालांकि इन मौतों को ले सभी के लिए कोरोना निगेटिव व आकस्मिक निधन के दावे किए जाते हैं। पर देखने वाले इसे महामारी से ही जोड़ते हैं। अधिकांशत: मौत कोरोना वायरस के कारण ही हो रही है।

लगन व रमजान के बावजूद बाजारों में है सन्नाटा

इस वक्त लगन व रमजान का मौसम है। बावजूद इसके बाजारों में सन्नाटा छाया हुआ है। पिछले 15 महीनों से बंद बच्चों के स्कूलों के बीच सुरक्षा कारणों से अभिभावक बच्चों को बाहर खेलने जाने भी नहीं दे रहे हैं। इस कारण क्षेत्र के खेल के मौदान व मुहल्लों में भी मुर्दांनगी छाई रहती है। अधिकांश दुकानों के बंद रहने, गाईड लाइन के तहत आवश्यक दुकान भी दो बजे तक खुले रहने और बे-वजह घर से न निकलने के निर्देशों ने भी बाजार को सुना कर दिया है। पूरे बाजार में दवा दुकान पर उमड़ी भीड़ बीमारी की विकरालता और लोगों की वेवशी बयां करती है।

15 दिन में 100 से अधिक हो चुकी है मौतें

कोयलांचल व ग्रामीण क्षेत्रों में अमुमन एक सप्ताह में लगभग चार-पांच लोगों का विभिन्न श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार होता है। लेकिन इस कोरोना की महामारी ने इसकी रफ्तार तेजी से बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार पिछले 15 दिनों के अंदर इन श्मशान घाटों पर 100 से अधिक अर्थियां सज चुकी है। जानकारों का कहना है कि इनमें से 95 प्रतिशत लोगों की मौत कोरोना के कारण ही हुई है। हलांकि अधिकांश परिजन इन मौतों पर आकस्मिक मौत बताते हैं। लेकिन इन मौतों ने कोयलांचलवासियों को हिलाकर रख दिया है। जागरूकता फैला रहे लोगों का कहना है कि अभी भी नहीं चेते तो आगे और बुरा होगा।

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